Sergey Lavrov India Visit: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पहुंचे भारत, ये है उनका कार्यक्रम
Sergey Lavrov India Visit: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भारत दौरे की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने उनका स्वागत किया.
Russia's Foreign Minister India Visit: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. लावरोव चीन में अफगानिस्तान के मामले पर हुई बैठक में शरीक होने के बाद भारत पहुंचे हैं. उनका यह दौरा 24 घंटे से कम का है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने बताया कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से लावरोव की मुलाकात कल यानि 1 अप्रैल को होनी है.
बातचीत के मुद्दों में यूक्रेन के मौजूदा हालात का विषय अहम होगा. भारत रूसी विदेशी मंत्री से सीधे जानना चाहेगा कि इस शांतिवार्ताओं में क्या स्थिति है और समाधान के लिए रूस की तरफ से क्या प्रयास किए गए हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह दोनों विदेश मंत्रियों की पहली आमने-सामने की मुलाकात है.
Welcoming the Foreign Minister of the Russian Federation Sergey Lavrov as he arrives in New Delhi for an official visit. pic.twitter.com/eHHCRgF30y
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 31, 2022
वार्ता के दौरान भारत की तरफ से यह भी दोहराया जाएगा कि वो शांतिपूर्ण बातचीत कूटनीतिक प्रयासों के जरिए मसले सुलझाए जाने का पक्षधर है. भारत इस बात को संयुक्त राष्ट्र संघ समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है.
भारत की कोशिश रूस के साथ सैन्य खरीद समेत अन्य परियोजनाओं के लिए पेमेंट व्यवस्था पर स्थिति स्पष्ट कर करने को लेकर भी होगी. रूस के साथ रुपए-रूबल कारोबार की व्यवस्था तो मौजूद है लेकिन वह केवल कुछ सीमित उत्पादों और आयात तक ही सीमित है. लेकिन रूस के खिलाफ लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण व्यापक कारोबार को जारी रखने और रूस के फार ईस्ट इलाके में भारतीय निवेश को जारी रखने में मुश्किलें हैं.
यह भारत की अहमियत है कि यूक्रेन संकट के दौरान विपरीत पाले में खड़े ब्रिटेन की विदेश मंत्री एलिज़ाबेथ ट्रस और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक साथ भारत में होंगे. ट्रस के दौरे की कोशिश भारत को यूक्रेन के मुद्दे पर भारत को पश्चिमी देशों के खेमे के साथ खड़े होने और क्षेत्रीय संप्रभुता के मामले पर रूस के खिलाफ खुलकर बोलने के लिए आग्रह करने की है.
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