मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन करके रूस ने दिखाया है कि वह आत्मनिर्भर है. शिवसेना के मुखपत्र सामना के अपने साप्ताहिक कॉलम रोकटोक में राउत ने कहा कि भारत में केवल आत्मनिर्भर होने की बात की जाती है.


संजय राउत ने कहा कि रूस ने जो उदाहरण पेश किया है, उसे भारतीय नेता मॉडल नहीं मानेंगे क्योंकि 'वे अमेरिका के प्रेम में पड़े हैं.' उन्होंने कहा कि ''जब पूरी दुनिया में यह साबित करने की मुहिम चली कि रूस का टीका अवैध है, ऐसे वक्त में पुतिन ने परीक्षण के तौर पर अपनी बेटी को यह टीका लगवाया और इस प्रकार से अपने देश में आत्मविश्वास पैदा किया.''


गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को घोषणा की कि उनके देश ने कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार के लिए दुनिया का पहला टीका तैयार कर लिया है, जो 'काफी प्रभावी' है और संक्रमण के खिलाफ 'स्थायी प्रतिरोधक क्षमता' बनाता है. उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी एक बेटी को यह टीका लगाया भी जा चुका है.


रूस को मिली वैक्सीन की पहली खेप


बता दें कि कोरोना वायरस की सबसे पहली वैक्सीन बनाने का दावा करने वाले रूस को अब इस वैक्सीन की पहली खेप हासिल हो चुकी है. हालांकि, इस वैक्सीन के असर को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसके बावजूद रूस ने इसका निर्माण शुरू कर दिया है और अब उसे पहली खेप मिल चुकी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स ने रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया है कि हाल ही में देश में इसका उत्पादन शुरू हुआ और अब पहला बैच सरकार को मिल चुका है.


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