नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कहर और बेसब्री से हो रहे वैक्सीन के इंतजार के बीच रूस ने राहत व उम्मीद भरी खबर दी है. रूस ने अपने स्पुतनिक वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल के बाद इस टीके से 95 फीसद तक कामयाबी का एलान करते हुए जनवरी 2021 से इसका व्यापक उत्पादन शुरु करने की घोषणा की है. इसकी कीमत प्रति डोज 10 डॉलर( करीब 740 रुपये) से कम रखी जाएगी.
रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के मुताबिक, 24 नवंबर तक की स्थिति अनुसार अब तक 22 हजार वॉलंटियर्स को स्पुतनिक वैक्सीन का एक डोज दिया जा चुका है. वहीं रूस के 29 मैडिकल सेंटर्स में करीब 19 हजार वॉलंटियर्स को इसका दूसरा डोज दिया गया है. भारत में जहां स्पुतनिक वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं, वहीं बेलारूस, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला व कुछ अन्य मुल्कों में इस टीके के तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं.
आरडीआईएफ के सीईओ खिरिल दिमित्रीव ने एक वैश्विक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि अब तक करीब 1.2 अरब डोजेज के लिए 50 देशों से ऑर्डर अब तक मिले हैं. इस मांग को पूरा करने के लिए भारत, ब्राजील, चीन, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों के साथ मौजूद अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोग समझौतों के जरिए करेगा. गौरतलब है कि रूस के गमालया सेंटर द्वारा विकसित इस टीके का 11 अगस्त को पंजीयन कराया गया था.
रूसी वैज्ञानिकों के मुताबिक स्पुतनिक वैक्सीन दो डोज की शक्ल में लिया जाने वाला टीका होगा. आरडीआईएफ जहां अपने सभी नागरिकों को निःशुल्क यह टीका मुहैया कराएगा. वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत प्रति डोज 10 डॉलर से कम रखी जाएगाी.
आरडीआईएफ ने दावा किया है कि स्पुतनिक वैक्सीन के लाइपोफिलाइज्ड यानी सूखे पाउडर स्वरूप में का उत्पादन शुरु किया गया है. इसके चलते स्पुतनिक वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकेगा. तामपान की इस रेंज के कारण इसका व्यापक वितरण अपेक्षाकृत आसान हो सकेगा.
हालांकि रूसी एजेंसी आईडीआईएफ ने एस्ट्राजेंका औऱ फाइजर जैसी कंपनियों की तरफ से विकसित किए गए टीकों को भी एक सकारात्मक पहल करार दिया है. डिमित्रेव ने कहा कि मानव एडीनोवायरस आधारित स्पुतनिक वैक्सीन, एम-आरएनए आधारित किसी अन्य टीके की तुलना में अधिक प्रभावी है. लेकिन कोरोना जैसा वैश्विक महामारी से निपटने में अन्य टीकों की उपलब्धता इस चुनौती में काफी मददगार होगी.
रूस सरकार के अनुसार मौजूदा समझौतों के आधार पर प्रतिवर्ष 50 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन डोज के उत्पादन की क्षमता है. इसके तहत जनवरी 2021 तक यह वैक्सीन लोगों को मिलना शुरु हो जाएगा.
देश में नहीं थम रही कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे के दौरान जानिए आपके राज्य में कितने नए मामले