भारत-चीन सीमा विवाद पर रूस ने कहा -त्रिपक्षीय सहयोग बाधित होने के कोई संकेत नहीं हैं
भारत-चीन में बढ़े तनाव के बीच रूस ने कहा कि त्रिपक्षीय सहयोग बाधित होने के कोई संकेत नहीं हैं. भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने चीन-भारत के तनाव को घटाने के मकसद से उठाए गए कदमों का स्वागत किया.
नई दिल्लीः सीमा पर झड़प के बाद भारत-चीन में बढ़े तनाव के बीच रूस ने बुधवार को कहा कि आरआईसी (रूस-भारत-चीन) का अस्तित्व एक निर्विवाद हकीकत है और त्रिपक्षीय सहयोग बाधित होने के कोई संकेत नहीं हैं. भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने भारत-चीन के तनाव को घटाने के मकसद से उठाए गए कदमों का स्वागत किया.
उन्होंने ट्विटर पर कहा, "एलएसी पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत सहित उठाए गए सभी कदमों का हम स्वागत करते हैं." कुदाशेव ने कहा, "आरआईसी का अस्तित्व एक निर्विवाद हकीकत है. त्रिपक्षीय सहयोग के मौजूदा चरण के लिए ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि यह बाधित होगा."
The existence of the #RIC is an undisputable reality, firmly fixed on the world map. As for the current stage of of the trilateral cooperation, there are no indications that it might be frozen.
— Nikolay Kudashev (@NKudashev) June 17, 2020
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 22 जून को आरआईसी के होने वाले सम्मेलन को लेकर अनिश्चितता के बीच उनका यह बयान आया है. इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के भाग लेने की संभावना है.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार को चीन के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं. 45 साल में ऐसा पहला मामला है जब भारत-चीन की झड़प में किसी सैनिका का खून बहा है.
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