Russia-Ukraine Conflict: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर अपना रुख दोहराया है. भारत ने यूएनएससी में कहा कि संवाद और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. भारत ने कहा, रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है.


कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता


संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने शुक्रवार को कहा, "हमने (भारत) इस बात पर जोर दिया है कि बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है, संघर्ष को बढ़ाने वाले जवाब देने से बचा जाना चाहिए. तनाव कम करने और दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर लाने के लिए सभी तरह की कोशिश की जानी चाहिए. क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है, 'आज का युग युद्ध का युग नहीं है.' 


सिद्धांतों का सभी देशों को सम्मान करना चाहिए


यूक्रेन और रूस की ताजा स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बोलते हुए रुचिरा कंबोज ने कहा, "भारत, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से लगातार दुश्मनी को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता रहा है." संयुक्त राष्ट्र में कंबोज ने कहा, "हमारा मानना ​​है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के सहमत सिद्धांतों और व्यवस्थाओं का सभी देशों को सम्मान और समर्थन करना चाहिए. परिषद यह याद रखेगी कि यूक्रेन संघर्ष की शुरूआत होने के बाद से ही भारत लगातार दुश्मनी को फौरन समाप्त करने का आह्वान कर रहा है.


यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को वैश्विक समुदाय के लिए चिंता का विषय बताते हुए, रुचिरा कंबोज ने कहा कि इस युद्ध का प्रभाव केवल यूरोप तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सभी देशों पर इसका प्रभाव पड़ा है. कंबोज ने कहा, "वैश्वीकृत दुनिया में, युद्ध का प्रभाव सिर्फ यूरोप तक ही सीमित नहीं है. हम सभी ने बढ़ती हुई लागत और खाने की चीजों, उर्वरक और ईंधन की कमी को लेकर देखी है. 


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