यूक्रेन से चल रहे विवाद का असर भारतीय नौसेना की 'मिलन' एक्सरसाइज पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. शुक्रवार से विशाखापट्टनम में शुरू हो रही 'मिलन' एक्सरसाइज में रूस हिस्सा नहीं ले रहा है. भारतीय नौसेना के मुताबिक, 40 देशों की नौसेनाएं मिलन में हिस्सा ले रही हैं. इनमें से अमेरिका सहित आधा दर्जन देश ऐसे हैं, जिनके युद्धपोत भी एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए बंगाल की खाड़ी पहुंच रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक भारत ने रूस को आमंत्रित किया था, लेकिन रूस की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
समंदर में मित्र-देशों की नौसेनाओं के साथ मेल-मिलाप बढ़ाने और संबंध मजबूत करने के इरादे से भारतीय नौसेना 'मिलन-2022' नाम की एक बड़ी एक्सरसाइज करने जा रही है. खास बात ये है कि मिलन एक्सरसाइज के दौरान सिर्फ बंगाल की खाड़ी में ऑपरेशनल एक्सरसाइज ही नहीं आयोजित की जाएगी, बल्कि विशाखापट्टनम में सभी देशों के नौसैनिकों की एक भव्य 'सिटी-परेड' भी आयोजित की जाएगी.
भारतीय नौसेना के मुताबिक 25 तारीख से शुरू होने वाली मिलन एक्सरसाइज दो हिस्सों में होगी. पहला हार्बर फेस होगा जो 25 फरवरी से 28 फरवरी तक होगा और दूसरा चरण समंदर में 1-4 मार्च तक होगा. हार्बर फेस में सभी देशों की नौसेनाएं विशाखापट्टनम में सिटी-परेड में हिस्सा लेने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में हिस्सा लेंगी और नेवल ऑफिसर्स का इंटरेक्शन होगा. इसके अलावा दो दिन के लिए आगरा और बोधगया का टूर भी शामिल होगा ताकि एक दूसरे की सांस्कृतिक विरासत का आदान-प्रदान हो सके. इसके बाद चार दिनों की एक्सरसाइज बंगाल की खाड़ी में होगी.
इस साल की मिलन एक्सरसाइज का ध्येय-वाक्य है कमेरडेरिए, कोहिसन एंड कोलैबोरेशन यानि मेल-मिलाप, एकजुटता और सहयोग. मिलन एक्सरसाइज का ये 11वां संस्करण है. पहली मिलन एक्सरसाइज वर्ष 1995 में हुई थी. उस वक्त भारतीय नौसेना के अलावा चार अन्य देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था. आखिरी मिलन एक्सरसाइज 2018 में हुई थी जिसमें 17 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था. अभी तक मिलन एक्सरसाइज के सभी संस्करण अंडमान निकोबार में होते आए थे. ये पहली बार है कि सिटी ऑफ डेस्टेनी यानि विशाखापट्टनम में ये युद्धाभ्यास होने जा रहा है.
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