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रूस-यूक्रेन युद्ध से गाजियाबाद में गारमेंट्स का एक्सपोर्ट होल्ड पर, डेनिम के फैब्रिक और धागे की कीमतों में 50 फीसदी तक इजाफा
इस वक्त रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध चल रहा है. दुनिया भर में काफी चिंता का माहौल बन गया है और तमाम उद्योगों पर इसका असर देखने को मिल रहा है.
![रूस-यूक्रेन युद्ध से गाजियाबाद में गारमेंट्स का एक्सपोर्ट होल्ड पर, डेनिम के फैब्रिक और धागे की कीमतों में 50 फीसदी तक इजाफा Russia Ukraine effect on Ghaziabad garment industry Prices hiked by 50 percent know in detail ANN रूस-यूक्रेन युद्ध से गाजियाबाद में गारमेंट्स का एक्सपोर्ट होल्ड पर, डेनिम के फैब्रिक और धागे की कीमतों में 50 फीसदी तक इजाफा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/31/8b3ea1cf503d8dd56187190fbcd1682b_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
रूस और यूक्रेन में शुरू हुई जंग का असर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद तक पहुंच गया है. कारोबारी कह रहे हैं कि जैसे-जैसे हालात बिगड़ रहे हैं, वैसे-वैसे गारमेंट्स का एक्सपोर्ट होल्ड पर जा रहा है. डेनिम के फैब्रिक और यार्न (धागा) दोनों की कीमतें बढ़ गयी हैं. इसके साथ ही मैक्सिमम रिटेल प्राइस पर भी 50 फीसदी तक का इजाफा हो गया है. गाजियाबाद के साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया में डिजायर जीन्स फैक्ट्री है. साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के एग्जिक्यूटिव मेंबर विमल मुंदरा इसके मालिक हैं. इस फैक्ट्री में डेनिम जींस बनायी जाती है.
'मेक इन इंडिया' के तहत बने सामान को यूरोपीय देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है. एग्जिक्यूटिव मेंबर विमल कहते हैं कि कोविड से हम लोग संभले ही थे और अब ये रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से कारोबार पर काफी असर पड़ रहा है. एक्सपोर्ट रुकने वाला है. इसके साथ ही कंटेनर (माल ढोने के इस्तेमाल में आने वाला) के प्राइस पर बड़ा असर आया है. इससे कारोबार पर काफी असर पड़ रहा है.
एमआरपी लगभग 50 फीसदी के आसपास बढ़ गयी है क्योंकि यार्न (डेनिम बनाने वाला धागा) का रेट बढ़ गया है. अगर युद्ध ऐसे ही आगे चले तो इस ( गारमेंट) इंडस्ट्री को तकलीफ़ होगी. जैसे जैसे युद्ध से हालात बिगड़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हर चीजें होल्ड पर जा रही हैं. फैब्रिक, यार्न, केमिकल महंगे हो रहे हैं. अपने नुकसान पर विमल बताते हैं कि अभी आकंलन लगाना मुश्किल है कि कितना नुकसान होगा क्योंकि अभी युद्ध की शुरुआत हुई है. बायर्स वापस से सामान लेने को तैयार होगें या नहीं.
चाइना को नेग्लेक्ट करके यूरोपीयन बायर्स इंडिया में शिफ्ट कर रहे थे और अब अचानक से ये हालात बन गए हैं और जब तक ये युद्ध बंद नहीं होगा तब तक नहीं बता सकते कि कितना नुकसान होगा. यहां से हजारों करोड़ों रुपयों का कारोबार होता है. अभी माल सारा होल्ड पर है, बेच नहीं पा रहे.
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