'ऑपरेशन गंगा' से जुड़ी वायुसेना, C-17 विमान से 218 भारतीयों की वापसी
यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच भारतीय वायुसेना ने यूक्रेन से रोमानिया पहुंचे तकरीबन 200 भारतीयों का रेस्क्यू किया है. दिल्ली पहुंचने पर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सभी का स्वागत किया.
यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) का युद्ध सातवें दिन भी जारी रहा. जहां दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के आमने-सामने हैं. इसी बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ऑपरेशन गंगा भी लगातार जारी दिखाई दे रहा है. मंगलवार को रोमानिया से 218 भारतीयों को दिल्ली लेकर आने के बाद केंद्र सरकार ने ऑपरेशन गंगा में वायुसेना को जोड़ने का भी फैसला किया है. जिसके बाद अब वायुसेना का सी-17 विमान भारतीयों को वापस लाया है.
बताया जा रहा है कि C-17 भारतीय वायु सेना का विमान रोमानिया से लगभग 200 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली के पास हिंडन में अपने घरेलू बेस पर उतरा है. जिसके बाद रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने दिल्ली पहुंचने के बाद नागरिकों से बातचीत की है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायुसेना को निर्देश जारी करते हुए ऑपरेशन गंगा से जोड़ा था. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है.
#WATCH | The C-17 Indian Air Force aircraft arriving from Bucharest in Romania, carrying around 200 Indian nationals from #Ukraine, lands at its home base in Hindan near Delhi
— ANI (@ANI) March 2, 2022
MoS Defence Ajay Bhatt interacted with the citizens after their arrival in Delhi.#OperationGanga pic.twitter.com/uWzo78cMAo
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को रोमानिया से 218 भारतीयों को लेकर एक विमान दिल्ली पहुंचा था. इसके साथ ही हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से भी एक विमान दिल्ली पहुंचा था. इसमें 216 भारतीयों को वापस लाया गया था. केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने दिल्ली एयरपोर्ट पर भारतीयों का स्वागत किया था. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार यूक्रेन में फंसे हर भारतीय को वापस लाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है.
फिलहाल संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले की कड़ी निंदा करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को दोपहर को यह मतदान किया गया. जिसमें कुल 141 देशों ने इस वोटिंग के दौरान अपना विरोध जताते हुए रूस के खिलाफ मतदान किया, जबकि 5 देशों ने रूस का साथ दिया. वहीं भारत समेत 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
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