रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर जहां बीजेपी की केंद्र सरकार तटस्थ रुख अपना रही है और किसी के पक्ष में नहीं जा रही है. वहीं बीजेपी के एक सांसद इससे इत्तेफाक नहीं रखते, वह सरकार से अलग विचार रखते हैं. लोकसभा में बीजेपी के एक सांसद ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है उसके लिए रूस को पूरी तरह से दोषी नहीं माना जाना चाहिए.


लोकसभा स्पीकर ने हटा दिया था बयान


भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जीरो पीरियड के दौरान सदन में कहा कि, रूस और यूक्रेन के बीच जो युद्ध चल रहा है उसके लिए रूस को पूरी तरह से दोषी नहीं मानना चाहिए. हालांकि इस बयान को लोकसभा स्पीकर ने हटा दिया था. दुबे ने यह बातें सड़क परिवहन मंत्रालय के लिए अनुदान की मांग पर चर्चा के दौरान कही थीं. 


कांग्रेस ने जताई आपत्ति


वहीं, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दुबे की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई और उनका विरोध किया, लेकिन लोकसभा स्पीकर ने दोनों नेताओं की टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटा दिया.


गलत संदर्भ में लिया गया मतलब


बाद में अपनी इस टिप्पणी को लेकर निशिकांत दुबे ने स्पष्ट करते हुए कहा कि, "मैंने कहा था कि चीन हमारे बाजारों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है और हमारा पूरा रक्षा तंत्र इसे बचाने की कोशिश कर रहा है. इसलिए हमारे बजट का एक बड़ा हिस्सा चीन पर खर्च किया जा रहा है." उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने एक समझौते की सुविधा प्रदान की थी जिसके तहत नेपाल, भूटान और तिब्बत भारत और चीन के बीच बफर राज्य थे. "यूएसएसआर की स्थिति भी ऐसी ही थी और जब इससे अलग-अलग देश बने थे, तो यूक्रेन के साथ एक समझौता हुआ था कि वह कभी भी नाटो का सदस्य नहीं बनेगा. तिब्बत बनने के बाद भारत के साथ क्या हुआ, ये सबने देखा है. भारत सरकार अहिंसा के रास्ते पर चलती है, लेकिन यूक्रेन, रूस में जो हो रहा है, उसे पूरी तरह से रूस के दोष के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए." अपनी हटाई गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मामले को लेकर गलत संदेश नहीं जाना चाहिए. क्योंकि यह विदेश नीति का मुद्दा है, इसलिए इसे फौरन खत्म करना चाहिए. 


ये भी पढ़ें


पाक-चीन पर आर्मी की होगी पैनी नजर, डेडिकेटेड सर्विलांस सैटेलाइट के लिए 4 हजार करोड़ का प्रस्ताव मंजूर


पाक-चीन पर आर्मी की होगी पैनी नजर, डेडिकेटेड सर्विलांस सैटेलाइट के लिए 4 हजार करोड़ का प्रस्ताव मंजूर