कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार (18 मार्च, 2025) को कहा कि 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने पर भारत के रुख का विरोध करना उनके लिए अब शर्मिंदगी की बात बन गई है. उन्होंने कहा, 'जो नीति अपनाई गई है, उसके कारण भारत अब ऐसी स्थिति में है जहां वह स्थायी शांति स्थापित करने में सहायक हो सकता है'.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, 'उनका यह भी कहना था कि भारत ने जो नीति अपनाई है, उसके तहत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के रूस व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दोनों को गले लगा सकते हैं'. रूस ने जब फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था तो थरूर ने भारत के रुख की आलोचना की थी और मॉस्को के इस कदम की आक्रामकता की निंदा करने का आह्वान किया था. 


'मैं आज भी शर्मिंदगी को खत्म करने का प्रयास कर रहा हूं'
रायसीना डायलॉग में पूर्व विदेश राज्य मंत्री और कांग्रेस सांसद ने कहा, 'मैं आज भी शर्मिंदगी को खत्म करने का प्रयास कर रहा हूं क्योंकि संसदीय चर्चा के दौरान मैंने फरवरी 2022 में भारत के रुख की आलोचना की थी. तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर ने कहा, 'उनकी आलोचना इस आधार पर थी कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हुआ था और सीमाओं के अतिक्रमण से संबंधित सिद्धांत का उल्लंघन हुआ था. यूक्रेन नामक एक सदस्य राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन हुआ था और भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए बल के उपयोग के विरोधी रहा हैं'. 


शशि थरूर ने कहा, 'उन सभी सिद्धांतों का उल्लंघन एक पक्ष द्वारा किया गया था और हमें इसकी निंदा करनी चाहिए थी. खैर तीन साल बाद ऐसा लग रहा है कि मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं क्योंकि इस नीति का मतलब है कि भारत में वास्तव में एक प्रधानमंत्री हैं जो यूक्रेन के राष्ट्रपति और मॉस्को रूस के राष्ट्रपति दोनों को दो सप्ताह के अंतराल पर गले लगा सकते हैं और दोनों ही देशों में उनकी स्वीकार्यकता है'.


ये भी पढ़ें:


'ये अमृतकाल नहीं, जहरकाल है', स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाल स्थिति पर राज्यसभा में विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला