Russia-Ukraine War: यूक्रेन में फंसे केरल के छात्रों ने बयां किया अपना दर्द, बताया कैसे बंकर में गुजार रहे हैं रात
Ukraine Indian students: मध्य यूक्रेन में स्थित एक विश्वविद्यालय में पढ़ने वालीं अशरा नामक एक छात्रा ने कहा कि वह और अन्य भारतीय छात्र अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं.
Indians in Ukraine: संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे हुए केरल समेत अन्य भारतीय राज्यों के छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वे अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित एवं घबराए हुए हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसी हुई अरुंधति नामक केरल की छात्रा ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘अधिकारियों ने हमें जल्द से जल्द जरूरी सामान लेकर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बंकरों में जाने के लिए कहा था. हमारे पास केवल भोजन और पानी का सीमित भंडार है. नेटवर्क कवरेज कभी भी जा सकता है.’’
जान बचाने के लिए बंकर में छिपे हैं छात्र
केरल की छात्रा अरुंधति बेहद चिंतित और घबराई हुईं नजर आ रही थीं. अरुंधति के वीडियो कॉल से साफ समझ में आ रहा था कि वहां मौजूद छात्र किस प्रकार की कठिन परिस्थितियों से गुज़र रहे हैं, क्योंकि 60 से अधिक छात्रों को खचाखच भरे एक बंकर में अपने बैकपैक और जरूरी सामान के साथ फर्श पर बैठे देखा जा सकता था, जहां रौशनी बेहद कम थी. केरल की रहने वालीं अरुंधति यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. अरुंधति ने कहा कि सुबह से रह रहकर विस्फोट की आवाजें सुनाई दे रही हैं और वे सभी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.
सुरक्षा को लेकर लगातार बनी हुई है चिंता
मध्य यूक्रेन में स्थित एक विश्वविद्यालय में पढ़ने वालीं अशरा नामक एक अन्य छात्रा ने कहा कि वह और अन्य भारतीय छात्र अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं, क्योंकि उनके पास इस बारे में कोई स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं है कि उन्हें क्या करना चाहिए और कहां रहना चाहिए. अशरा ने कहा, ‘‘हमारे परिसर में अकेले केरल से ही 200 से लेकर करीब 300 छात्र हैं. हमें क्या करना है, इसको लेकर हमें कोई स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है.’’ अशरा का कहना है कि शुरू में उन्हें बंकर में जाने के लिए कहा गया था. लेकिन जब वे अपना बैग पैक कर वहां पहुंचे, तो विश्वविद्यालय के प्रमुख ने उन्हें छात्रावास के कमरों में वापस जाने के लिए कहा. अशरा ने कहा, ‘‘ विश्वविद्यालय के प्रमुख के कहने पर हम वापस छात्रावास में आ गए. इस समय कहीं भी बाहर निकलना बहुत जोखिम भरा है.’’
यूक्रेन में फंसे हुए अन्य भारतीय छात्रों का कहना है कि उनके पास भोजन और पीने के पानी का सीमित मात्रा में है. छात्रों का कहना है कि बिजली की आपूर्ति कभी भी बाधित हो सकती है और नेटवर्क कभी भी जा सकता है.