Russia Ukraine War: यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर चौथी हाई लेवल बैठक की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी
Russia Ukraine War: भारत सरकार की तरफ से इससे पहले यूक्रेन को लेकर कुल 3 बैठकें की जा चुकी हैं. जिनमें यूक्रेन के हालात को लेकर चर्चा हुई और वहां फंसे भारतीयों को निकालने की योजना बनाई गई.
PM Modi Ukraine Crisis: रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जिसे देखते हुए तमाम देश अपने नागरिकों को वहां से निकाल चुके हैं या फिर निकालने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में भारत भी इस मोर्चे पर काम कर रहा है. पीएम मोदी यूक्रेन को लेकर कई बैठकें कर चुके हैं, जिसके बाद अब बताया जा रहा है कि पीएम एक और उच्च स्तरीय बैठक करने जा रहे हैं. ये बैठक अगले 24 घंटों में होगी.
पिछली बैठक में क्या हुआ?
पीएम मोदी ने 28 फरवरी की दोपहर यूक्रेन पर ऐसी ही एक बैठक की अध्यक्षता की थी. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला समेत कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. बैठक में कई चीजों को लेकर चर्चा हुई. जिसके बाद बताया गया कि केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों समेत भारतीयों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में समन्वय के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को युद्धग्रस्त देश के पड़ोसी देशों मे भेजने का फैसला किया है.
सरकारी सूत्रों ने बताया था कि, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वी के सिंह भारत के ‘‘विशेष दूत’’ के तौर पर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे. सिंधिया भारतीयों को यूक्रेन के निकालने के अभियान के लिए समन्वय का काम रोमानिया और मोल्दोवा से संभालेंगे, जबकि रिजिजू स्लोवाकिया जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि पुरी हंगरी जाएंगे और सिंह भारतीयों को निकालने का प्रबंध करने के लिए पोलैंड जाएंगे. इन मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला करने से एक दिन पहले ही मोदी ने कहा था कि युद्धग्रस्त देश में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें बाहर निकालना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है.
सरकार पर बन रहा दबाव
बता दें कि भारत सरकार की तरफ से इससे पहले यूक्रेन को लेकर कुल 3 बैठकें की जा चुकी हैं. जिनमें यूक्रेन के हालात को लेकर चर्चा हुई और वहां फंसे भारतीयों को निकालने की योजना बनाई गई. 27 फरवरी को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक हुई थी. सूत्रों ने बताया था कि बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने का फैसला किया गया था, ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके. बता दें कि अब भी हजारों भारतीय छात्र और अन्य लोग यूक्रेन में फंसे हैं. वो सोशल मीडिया के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. साथ ही इस बीच सरकार पर आरोप भी लग रहे हैं कि वो छात्रों की मदद नहीं कर रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी यूक्रेन का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वहां मौजूद छात्र बता रहे हैं कि उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है. इस वीडियो के जरिए राहुल गांधी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा. इसके बाद सरकार पर जल्द से जल्द छात्रों को यूक्रेन से निकालने का दबाव है.