रूस से जंग के चलते यूक्रेन में हजारों भारतीय फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने की कवायद लगातार जारी है. अब तक 6 फ्लाइट्स भारतीयों को लेकर स्वदेश लौट चुकी हैं. यूक्रेन में कैसी स्थिति है और वहां से अब तक कितने भारतीयों को निकाला जा चुका है, इस बारे में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, भारतीयों को निकालने का काम जारी है. जमीन पर स्थिति काफी जटिल और चिंतित करने वाली है लेकिन हमने राहत एवं बचाव कार्य तेज किया है. हमारी ओर से एडवाइजरी जारी करने के बाद 8000 भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ा है, हमला होने के बाद नहीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे बताया, फिलहाल 1400 भारतीय नागरिकों को लेकर 6 फ्लाइट्स आ चुकी हैं. 4 फ्लाइट्स बुचारेस्ट (रोमानिया) और 2 फ्लाइट्स बुडापेस्ट (हंगरी) से आई हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन की सीमा से लगे चार देशों में केंद्रीय मंत्री बतौर विशेष दूत तैनात किए जाएंगे. ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया जाएंगे. वहीं किरेन रिजिजू स्लोवाक रिपब्लिक, हरदीप पुरी हंगरी और पूर्व थलसेनाध्यक्ष वीके सिंह पोलैंड जाएंगे. ये सभी मंत्री भारतीयों की निकासी और अन्य चीजों को देखेंगे.
बागची ने बताया कि यूक्रेन बॉर्डर क्रॉस करने के बाद फ्लाइट्स उपलब्ध हैं. लेकिन लोग सीधे बॉर्डर पर ना पहुंचें. अगर वे पहुंचेंगे तो लंबी लाइन में लगना पड़ेगा. उन्हें अपने पड़ोसी शहरों में शरण लेनी चाहिए. वहां हमारी टीम मदद करेगी. टीम की सलाह पर ही बॉर्डर पर तरफ जाएं. विदेश मंत्रालय ने बताया, हमारे पास मोल्दोवा के जरिए एक नया रास्ता है, यह अब चालू है, हमारी टीम आपकी सहायता करेगी. वे रोमानिया के माध्यम से भारतीयों को निकालने में सहायता करेंगे. हम यूक्रेन को दवाओं सहित मानवीय सहायता भी भेजेंगे जैसा कि यूक्रेन के राजदूत ने अनुरोध किया है.
इस बीच यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल शांति वार्ता के लिए बेलारूस की सीमा पर बेलारूस के Mi-8MTV-5 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर से पहुंचा है. रूस के साथ यूक्रेन की बातचीत शुरू हो गई है. बेलारूस के विदेश मंत्री ने यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधिमंडल से बैठक के दौरान कहा, "डियर फ्रेंड्स, बेलारूस के राष्ट्रपति ने मुझे आपका स्वागत करने और आपके काम को जितना हो सके उतना आसान करने को कहा है. क्योंकि इस बात पर प्रेज़िडेंट जेलेंस्की और पुतिन दोनों समहत हैं, इसलिए आप खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर सकते हैं. ये हमारा पवित्र कर्तव्य है.