रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज पांचवां दिन है. भारत समेत पूरे दुनिया यूक्रेन के हालात पर नजर बनाई हुई है. इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यूक्रेन से व्यापार संबंध पर पड़ने असर पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जहां तक यूक्रेन को होने वाले हमारे तत्काल आयात और निर्यात पर पड़ने वाले असर का संबंध है, हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वहां से भारत में क्या आता है. लेकिन मुझे इस बात की अधिक चिंता है कि हमारे निर्यातकों, विशेष रूप से रूस और यूक्रेन के किसान क्षेत्र का क्या होगा.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसलिए इन दोनों मुद्दों पर मेरे पास एक व्यापक होगा...हम पहले से ही आपातकालिन स्थिति को देख रहे हैं, लेकिन मुझे विभिन्न संबंधित मंत्रालयों के माध्यम से पूर्ण मूल्यांकन करना होगा और उसके बाद ही उस पर टिप्पणी की जा सकेगी. उन्होंने आगे कहा कि लेकिन आप आश्वस्त हो सकते हैं कि हम इस मामले को अच्छी तरह से समझ चुके हैं क्योंकि इसका असर आने वाली आवश्यक चीजों पर पड़ने वाला है.
निर्मला सीतारमण ने संघर्ष के कारण भुगतान में किसी भी कठिनाई पर उद्योग जगत से प्रतिक्रिया मांगी. उन्होंने कहा कि दवा निर्यात और उर्वरक का आयात को लेकर हम चिंतित हैं. उधर, यूक्रेन में जारी संकट पर भारत में बैठकों का दौर जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक हाईलेवल बैठक बुलाई. सूत्रों के मुताबिक चार केंद्रीय मंत्री क्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे ताकि वहां फंसे छात्रों के बचाव कार्य में मदद की जा सके. ये मंत्री भारत के विशेष दूत के रूप में जा रहे हैं. सरकार हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और पूर्व थलसेना अध्यक्ष वीके सिंह को भेजने का फैसला किया है.