यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है. 2 वकीलों की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन में स्थिति सामान्य होने की अभी कोई संभावना नहीं है, ऐसे में हज़ारों छात्रों का भविष्य अधर में है. प्रवेश नियमों में छूट देकर इन छात्रों को सरकारी और निजी कॉलेजों में जगह दी जाए. 


वकील पार्थवी आहूजा और प्राप्ति सिंह की याचिका में कहा गया है कि भारत में डॉक्टरों की काफी कमी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से तय मानक के मुताबिक प्रति 1000 व्यक्ति पर 1 डॉक्टर होना चाहिए. भारत में यह अनुपात प्रति 1000 व्यक्ति पर 0.68 है. यूक्रेन से लौटे छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश देने से इस अनुपात को सुधारने में मदद मिलेगी. कोविड जैसी महामारी के दौरान भी डॉक्टरों की बढ़ी हुई संख्या काम आएगी.


याचिकाकर्ताओं ने बताया है कि लगभग 18 हज़ार भारतीय मेडिकल छात्र स्वदेश लौटने को विवश हुए हैं. केंद्र और राज्य सरकारों की यह ज़िम्मेदारी है कि वह उनकी शिक्षा पूरी करने के लिए व्यवस्था बनाए. इसलिए केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह यूक्रेन सरकार से बात कर छात्रों के बारे में जानकारी जुटाए  उनके लिए भारत के कॉलेजों में जगह बनाए. याचिका में कहा गया है कि यह मांग सिर्फ वर्तमान स्थिति के मद्देनजर की जा रही है. इसे स्थायी व्यवस्था के तौर पर न देखा जाए. 


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