Russia Ukraine War: रूस (Russia) सेना ने यूक्रेन में हमले और तेज कर दिए हैं. यूक्रेन (Ukraine) की स्थिति अब बदत्तर होती जा रही है. यहां लोग सहमे हुए हैं और सरकार ने लोगों को घरों के अंदर ही रहने को कहा है. रूस के हमलों के बीच यूक्रेन में करीब 20 हजार छात्र फंसे हुए हैं. इसको लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार (Modi Government) को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस (Congress) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर निशाना साधते हुए कहा है कि यूक्रेन में हमारे हजारों छात्र फंसे हैं, लेकिन पीएम मोदी सो रहे हैं. कांग्रेस ने पीएम मोदी से इस मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है.


मनमोहन सरकार में विदेश मंत्री रह चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने युक्रेन-रूस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाने के सावल पर कहा कि सरकार को ऐसा करना चाहिए. हम में से कुछ लोग अंतरराष्ट्रीय संबंधों में जानकारी रखते हैं. सरकार को राजनीतिक दलों से बात करनी चाहिए और समर्थन लेना चाहिए, क्योंकि हम इस मामले में अधिक नहीं जानते.






तत्काल कदम उठाएं प्रधानमंत्री मोदी- कांग्रेस


कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए समय रहते कदम नहीं उठाया.  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूक्रेन में फंसी एक भारतीय छात्रा का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यूक्रेन में फंसे 20 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिकों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. सरकार को उन्हें वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए.’’ 


वहीं, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर आग्रह किया कि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक रास्तों की मदद ली जाए, क्योंकि हवाई मार्ग बंद कर दिया गया है. उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि अकेले केरल के 2000 से अधिक छात्र वहां फंसे हुए हैं और उनके परिवार के लोग उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं.


सरकार अभी चुनाव लड़ने में व्यस्त है- कांग्रेस


कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र वहां फंसे हुए हैं, लेकिन मोदी सरकार ने न तो तत्काल उड़ान की व्यवस्था की और न ही किराये में राहत दी. हम प्रधानमंत्री से कहना चाहते हैं कि नींद से जागिए और तत्काल कदम उठाइए.’’उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार का कहना है- यूक्रेन में फ़ंसे हमारे 20,000 भारतीय जहां हैं वहीं रहें, क्योंकि सरकार अभी चुनाव लड़ने में व्यस्त है?’’


कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, ‘‘हमारे 20,000 भारतीय युवा यूक्रेन में भय, आशंका और जीवन पर ख़तरे की स्थिति से जूझने को मजबूर हैं। समय रहते उन्हें सकुशल लाने का इंतजाम क्यों नहीं किया ? क्या यही 'आत्मनिर्भर' मिशन है?’’ यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों से कहा कि परेशान न हों और आप जहां भी हैं सुरक्षित रहें.


NSUI ने विदेश मंत्रालय के बाहर किया प्रदर्शन


वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर विदेश मंत्रालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया. एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि यूक्रेन में पिछले 10 दिनों से युद्ध जैसे हालात हैं और इन छात्रों के माता-पिता सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'यूक्रेन में करीब 20,000 युवा काम कर रहे हैं और पढ़ रहे हैं। छात्र पहले से ही भारी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं और अब इस कठिन परिस्थिति में विमानन कंपनियां उन्हें वापस लाने के लिए 80,000 से एक लाख रुपये वसूल रही हैं.'


पीएम मोदी ने पुतिन से फोन पर उठाया फंसे छात्रों का मुद्दा


बता दें कि कल टेलीफोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिस पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि "आवश्यक निर्देश" दिए जाएंगे. भारत ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से थल सीमा के जरिए बाहर निकालकर पड़ोसी देशों में लाने की पहल  तेज कर दी है.


गौरतलब है कि यूक्रेन में 20,000 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं. इनमें अधिकतर छात्र हैं. महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.


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