PM Modi In Germany: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को बर्लीन में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने कारोबार को गति देने के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर चर्चा की. इसके बाद पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं है. इसमें किसी की भी जीत नहीं होती है.
साथ ही उन्होंने युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर हुए बदलाव का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष से उथल-पुथल के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, विश्व में खाद्यान्न और फर्टिलाइजर की भी कमी हो रही है. इससे विश्व के हर परिवार पर बोझ पड़ा है किंतु विकासशील और गरीब देशों पर इसका असर और गंभीर हो रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ''यूक्रेन के संकट के आरंभ से ही हमने तुरंत युद्धविराम का आहृवान किया और इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एक मात्र उपाय है. हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी, सभी को नुकसान होगा इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं.''
पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के छठे पूर्ण सत्र की सह-अध्यक्षता भी की. उन्होंने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान में जर्मनी को भी भागीदारी के लिए आमंत्रित किया. दोनों पक्षों के भाग लेने वाले मंत्रियों और अधिकारियों ने आईजीसी के विभिन्न पहलुओं संबंधी अपनी बैठकों पर संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें विदेशी, सुरक्षा, आर्थिक, वित्तीय नीति, वैज्ञानिक और सामाजिक विनिमय, जलवायु, पर्यावरण, सतत विकास और ऊर्जा से जुड़े मुद्दे शामिल थे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने भारत की ओर से प्रस्तुतियां दीं.
प्रधानमंत्री मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में सोमवार को सुबह जर्मनी पहुंचे . अपनी यात्रा के दौरान मोदी डेनमार्क और फ्रांस भी जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी की यूरोप यात्रा यूक्रेन संकट के बीच हो रही है जिसको लेकर रूस के खिलाफ लगभग पूरा यूरोप एकजुट है.
गौरतलब है कि भारत उन करीब 50 देशों में शामिल था जो अप्रैल महीने में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने के प्रस्ताव पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहा था . यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच, जनवरी के बाद से भारत संयुक्त राष्ट्र में इस मामले पर प्रक्रियागत मतदान के दौरान आठ मौके पर अनुपस्थित रहा .