Russia-Ukraine War: रूसी सेना ने बुधवार (23 नवंबर) को एक बार फिर यूक्रेन पर मिसाइलों का बड़ा हमला किया है. एक दिन पहले मंगलवार रात को भी यूक्रेन (Ukraine) के 11 शहरों और गांवों पर 30 से ज्यादा रूसी मिसाइलें (Russian Missiles) दागी गई, जिसमें भारी नुकसान की खबर है. इस बात की जानकारी यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने दी. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने कहा कि इन हमलों के चलते यूक्रेन के बड़े इलाके में अंधेरा छा गया है. उन्होंने रूसी हमलों की निंदा करते हुए इन्हें मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया.


जेलेंस्की ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक आपात बैठक में कहा कि इस समय हमारे यहां शून्य से नीचे का तापमान है और लाखों लोग बिना बिजली आपूर्ती, बिना हीटिंग, पानी के रहने पर मजबूर हैं. ऐसे समय में ये रूसी हमले मानवता के खिलाफ एक स्पष्ट अपराध हैं. बुधवार को एक दो मंजिला इमारत पर रूसी रॉकेट गिराने से कम से कम छह नागरिक मारे गए और नौ घायल हो गए. वहीं, राजधानी कीव में पानी की सप्लाई भी काट दी गई. मॉस्को यूक्रेन की आवश्यक सेवाओं को भीषण सर्दी से पहले कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. 


जेलेंस्की ने यूएनएससी से की अपील


जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूक्रेनी शांति सूत्र का समर्थन करने का आग्रह किया. जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि यह शांति के यूक्रेनी फॉर्मूले का समर्थन करने का सही समय है. दुनिया में आतंक के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. जेलेंस्की ने रूसी हवाई हमलों की जानकारी देते हुए आधुनिक और प्रभावी वायु और मिसाइल रक्षा प्रणालियों की आवश्यकता पर जोर दिया. जेलेंस्की ने बताया कि रूसी हवाई हमलों में ऊर्जा के बुनियादी ढांचे, नागरिकों के आवास और एक अस्पताल सहित कई महत्वपूर्ण सुविधाएं नष्ट हो गई. जेलेंस्की ने कहा कि इन रूसी हवाई हमलों का शिकार पड़ोसी देश माल्दोवा भी हुआ है, जहां आधे से ज्यादा क्षेत्र की बिजली गुल हो गई है.


अमेरिका ने की रूसी की आलोचना


संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन साफ तौर पर यूक्रेनी लोगों को ज्यादा परेशान करने के लिए सर्दियों को हथियार बना रहे हैं. उन्होंने यूक्रेनी पावर प्लांट पर रूसी हमलों की निंदा करने पर जोर दिया. अमेरिकी राजदूत ने कहा कि रूस इन हमलों के जरिए यूक्रेन पर कब्जा करने का दबाव बनाना चाहता है. रूस अगर बल से यूक्रेन पर कब्जा नहीं पाया, तो वह इसे फ्रीज करने की कोशिश करेगा. 


इसे भी पढ़ेंः-


Measles: तीन राज्यों में तेजी से बढ़ रहे हैं बच्चों में खसरे के मामले; रांची, अहमदाबाद और मलप्पुरम में हाई लेवल केंद्रीय टीम तैनात