रूस और यूक्रेन की लड़ाई अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. यूक्रेन के शहर खेरसॉन में रूसी सैनिकों ने अपना झंडा लहरा दिया है. अब तक 137 यूक्रेनी नागरिकों के मारे जाने की खबर आ रही है. वहीं यूक्रेन भी 800 रूसी सैनिकों के मारे जाने का दावा कर रहा है. लेकिन दोनों देशों की जंग में असली अग्निपरीक्षा भारत की है. भारत के लिए रूस सदाबहार दोस्त रहा है. ऐसा दोस्त, जिसने भारत की उस वक्त मदद की, जब पूरी दुनिया ने मुंह मोड़ लिया था. लिहाजा भारत के सामने उलझन की स्थिति है.


अगर देखा जाए तो भारत इस वक्त 'तटस्थ' की नीति अपना रहा है. भारत ने खुलकर न तो यूक्रेन का समर्थन किया है और न ही रूस का विरोध. जहां अमेरिका और अन्य यूरोपीय देश रूस की जमकर आलोचना कर रहे हैं और पुतिन नाटो के विस्तार का विरोध. वहीं भारत ने जोर देकर कहा कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिये बातचीत और कूटनीति सबसे अच्छा रास्ता है. भारत के सामने नैतिक मूल्यों और व्यवहारवाद संबंधों में किसी एक को चुनने की चुनौती है. 


भारत के सामने उलझन यह भी है कि रूस उसका सबसे बड़ा हथियार सप्लायर है. पिछले साल दिसंबर में भारत ने रूस के साथ रक्षा क्षेत्र में अगले दस साल के लिए सहयोग करने का दस्तावेज साइन किया है. साथ ही, दोनों देशों ने 2025 तक 30 अरब डॉलर के व्यापार और 50 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है.


इसके अलावा उलझन यह भी है क्योंकि यूक्रेन में 18000 भारतीय फंसे हुए हैं. अब तक उन्हें भी बाहर नहीं निकाला गया है. चार देशों-रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाक रिपब्लिक से छात्रों का एग्जिट प्लान तैयार किया गया है. यूक्रेनी एयरस्पेस बंद होने के कारण फ्लाइट्स को भी वापस लौटना पड़ा. अब तक सिर्फ 182 भारतीयों को ही वहां से निकाला जा सका है. 


वहीं इस मामले पर भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य होने के नाते और ऐसा देश होने के नाते, जिसका उस क्षेत्र में काफी कुछ दांव पर लगा है, जिसके अनेक नागरिक संवेदनशील क्षेत्रों में हैं, हम सभी संबंधित पक्षों के निकट संपर्क में हैं. हमने हमेशा कहा है कि पक्षों को एक-दूसरे से बात करने की जरूरत है और यदि इसमें हम कोई मदद कर सकते हैं तो हमें ऐसा करके बहुत खुशी होगी.


रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बारे में विदेश सचिव ने कहा था, हमें ध्यान से इनका अध्ययन करने की आवश्यकता है, क्योंकि हर प्रतिबंध का हमारे मौजूदा संबंध पर असर पड़ेगा, इस बात को स्वीकार करना उचित होगा.


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