Russia Ukraine War: अमेरिका (US) के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक (National Security Coordinator) जॉन किर्बी (John Kirby) ने शनिवार को कहा कि अमेरिका चाहता है कि भारत (India) सहित अन्य देश यूक्रेन संघर्ष (Ukraine Conflict) के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) पर युद्ध दवाब बढ़ाएं. किर्बी ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ एक गहरी साझेदारी साझा करता है, लेकिन वाशिंगटन चाहता है कि यूक्रेन संघर्ष के बीच रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव हो.
जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत के शामिल होने पर किर्बी ने कहा, "हमें खुशी है कि भारत आ रहा है. भारत के साथ एजेंडे पर चर्चा करने के लिए बहुत कुछ है. रक्षा जगत में भी उनके साथ हमारी बहुत गहरी साझेदारी है."
‘राष्ट्रपति बाइडेन इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं’
किर्बी ने कहा, "मैं यहां भारतीय नेताओं को अपने लिए बोलने दूंगा, लेकिन जाहिर है, राष्ट्रपति बाइडेन जिस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, प्रशासन जिस पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वह यह सुनिश्चित करना है कि पुतिन पर दवाब बढ़ता रहे, ताकि उनके लिए युद्ध छेड़ना कठिन हो. और जाहिर है, हम सभी देशों को इस तरह के प्रयासों में भाग लेते देखना चाहते हैं.”
भारत ने रूस से ऊर्जा आयात बढ़ाया
भारत ने हाल के सप्ताहों में मॉस्को (Moscow) पर वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद रूस से ऊर्जा आयात में वृद्धि की है. अमेरिकी अधिकारियों ने भारत को संदेश दिया कि रूस से ऊर्जा आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन वे इसमें तेजी नहीं देखना चाहते हैं.
भारत-रूस के बीच आर्थिक सहयोग के विकास के लिए कई संस्थागत तंत्र स्थापित किए गए हैं. लेकिन यूक्रेन युद्ध और उसके बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध व्यापार में बाधा साबित हुए हैं.
जयशंकर ने किया रूस से तेल आयात का बचाव
रूस (Russia) से भारत के तेल आयात का बचाव करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने जोर देकर कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि यूक्रेन संघर्ष (Ukraine conflict) विकासशील देशों (Developing Countries) को कैसे प्रभावित कर रहा है. उन्होंने यह भी प्रश्न किया कि केवल भारत से ही सवाल क्यों किया जा रहा है जबकि यूरोप यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से गैस का आयात जारी रखता है.
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