Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को 11 महीने बीत चुके हैं, लेकिन कोई भी युद्ध रोकने को तैयार नहीं है. रूस अब भी यूक्रेन पर तेज हमले कर रहा है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रॉन से कहा कि रूसी एथलीटों के लिए 2024 पेरिस ओलंपिक में कोई जगह नहीं होनी चाहिए क्योंकि उनके देश में युद्ध के 11 महीने हो गए हैं.


"मैंने विशेष रूप से जोर दिया कि रूस के एथलीटों के पास पेरिस में ओलंपिक खेलों में कोई जगह नहीं होनी चाहिए," मैक्रॉन से टेलीफोन के जरिये बातचीत करने के बाद जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर लिखा. बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के समापन समारोह के कुछ ही दिनों बाद रूस ने पिछले साल 24 फरवरी को अपना आक्रमण शुरू किया.


पिछले साल हमले के बाद लगा था प्रतिबंध


अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने तेजी से रूस और पड़ोसी बेलारूस पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसे मॉस्को की सेना ने हमले के लिए लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल किया. दोनों पक्षों में संघर्ष के फैलने के बाद से रूस या बेलारूस में कोई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन आयोजित नहीं किया गया है और इस तरह की प्रमुख प्रतियोगिताओं से देशों के राष्ट्रीय प्रतीकों को हटा दिया गया है.


यूक्रेन से सभी ऐथलीटों को भेजने का आह्वान किया


आईओसी प्रमुख थॉमस बाख ने पिछले साल कहा था कि वह 2023 में खेल प्रतिबंधों को बढ़ाना चाहते हैं और पेरिस ओलंपिक और इटली में 2026 के शीतकालीन ओलंपिक में एक मजबूत यूक्रेनी टीम देखना चाहते हैं. ज़ेलेंस्की ने दिसंबर में सभी रूसी एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से पूरी तरह अलग-थलग करने का आह्वान किया था.


क्या कहता है आखिर पूरा नियम


यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बाख को यह भी बताया कि उन्होंने अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति के इस विचार का जमकर विरोध किया कि रूसी और बेलारूसी एथलीट पेरिस खेलों में तब तक प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं जब तक कि वे अपने देशों के झंडे नहीं उठाते.


ये भी पढ़ें


भारतीय दवाओं का है दुनिया में दबदबा, 'हील इन इंडिया' से मेडिकल टूरिज्म में भी भारत बनेगा सिरमौर