रूस की तरफ से लगातार खारकीव और दूसरे इलाकों में बमबारी की जा रही है. इस बीच, भारत स्थित रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि कहा कि हम भी शांति चाहते हैं. उन्होंने कहा कि रूस पर जो प्रतिबंध लगे हैं उसका कोई भी असर एस-400 मिसाइल डील पर नहीं होगा. उसका साथी देश भारत के साथ व्यापार पहले की तरह चलता रहेगा. 


गौरतलब है कि पिछले हफ्ते रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद दुनिया ने उसके खिलाफ एकजुट होने और आपूर्ति श्रृंखलाओं, बैंकिंग व्यवस्था, खेल और कूटनीतिक संबंध अन्य देशों से तोड़ लिये हैं. रूस को वैश्विक रूप से अलग-थलग करने के लिए तमाम देश उस पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं जिससे वह कई मोर्चों पर दुनिया से अचानक कट गया है.


बेवजह घोषित किया जा रहा है आक्रमणकारी


यही वजह है कि भारत में रूस के राजदूत ने आज यानी बुधवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कहा कि अभी हमें आक्रमणकारी घोषित किया जा रहा है हमें बताया जा रहा है कि हम युद्ध कर रहे हैं जबकि यूक्रेन के डॉनबास इलाके में पिछले 8 साल से युद्ध चल रहा था इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. 


यूएस और उसके सहयोगी देश हैं आक्रमणकारी


रूस के राजदूत ने कहा कि भारत भी अमेरिका के बारे में सही से जानता है कि आक्रमणकारी अमेरिका और उसके सहयोगी देश हैं, जो अपने खुद के नियम-कानून बनाते हैं. राजदूत ने कहा कि हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि जो भारतीय खारकीव में फंसे हुए हैं उनके लिए सिक्योर-पैसेज कैसे तैयार किया जाए रूस के जरिए.


रूस के बॉर्डर से इन भारतीयों को निकाला जाए. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ इस पर काम चल रहा है कि किस तरह से निकाला जाएगा कौन से बॉर्डर से रूस के निकाला जाएगा. वहीं इस मामले पर यूक्रेन की स्थिति पर भारत का रुख निष्पक्ष है ना कि इसलिए वह रूसी हथियारों पर निर्भर है. हम संयुक्त राष्ट्र में हमारी स्थिति को लेकर समन्वय कायम कर रहे हैं और भारत को अपने रुख के बारे में सूचित कर रहे हैं.


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