Russia-Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने गुरुवार (23 फरवरी) को यूक्रेन को लेकर एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसमें रूस से यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने और अपनी सेनाएं वापस बुलाने को कहा गया है. यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब शुक्रवार को यूक्रेन पर रूसी अभियान को शुरू हुए एक साल हो रहे हैं.
अपने सहयोगियों की मदद से बनाया गया यूक्रेन का यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में 141-7 से पारित हुआ. भारत और चीन ने इस प्रस्ताव के दौरान वोटिंग से दूर रहे.
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने क्या कहा?
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि यह प्रस्ताव इस बात का सबूत है कि केवल पश्चिम ही नहीं है जो उनके देश का समर्थन करता है. कुलेबा ने कहा, "समर्थन बहुत व्यापक है और यह मजबूत होना जारी रहेगा. यह वोट इस तर्क को खारिज करता है कि ग्लोबल साउथ यूक्रेन के पक्ष में नहीं खड़ा है क्योंकि लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया का प्रतिनिधित्व करने वाले कई देशों ने आज पक्ष में मतदान किया."
जिन सात देशों ने वोटिंग के खिलाफ मतदान किया, वे बेलारूस, माली, निकारागुआ, रूस, सीरिया, उत्तर कोरिया और इरिट्रिया थे. रूस के सहयोगी बेलारूस ने इसमें संसोधन का प्रस्ताव दिया था जो बुरी तरह से गिर गया.
हालांकि, यह रूस के खिलाफ पिछले पांच प्रस्तावों में उच्चतम वोटिंग नहीं है जो बीते साल 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन हमले के बाद से उसके खिलाफ लाए गए हैं. इसके पहले अक्टूबर में लाए गए प्रस्ताव में रूस के अवैध कब्जे के खिलाफ 143 वोट के समर्थन से प्रस्ताव पास हुआ था.
दो दिनों तक चली बहस
प्रस्ताव पर दो दिनों तक महासभा में चर्चा हुई, जिसमें 75 से अधिक देशों के विदेश मंत्रियों और राजनयिकों ने संबोधित किया. इसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के समर्थन में मजबूत आवाज उठी.
हमले के एक साल पूरे
रूस ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन में अपनी सेनाएं भेजकर अभियान शुरू किया था, जो अब तक जारी है. युद्ध में दोनों पक्षों से अभी तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, यूक्रेन के कई शहर खंडहर बन चुके हैं. युद्ध के चलते दुनिया भर में खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में वृद्धि देखी गई है.
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जर्मनी की विदेश मंत्री ने उन देशों से सवाल पूछा जो दावा करते हैं कि पश्चिम इस आग में तेल डाल रहा है. उन्होंने महासभा को बताया, "पश्चिम युद्ध नहीं चाहता. इसके बजाय अपनी सारी ऊर्जा और धन स्कूलों को ठीक करने, जलवायु संकट से लड़ने या सामाजिक न्याय को मजबूत करने पर केंद्रित करना चाहता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यदि रूस लड़ना बंद कर देता है, यह युद्ध समाप्त हो जाएगा. यदि यूक्रेन लड़ना बंद कर देता है, तो यूक्रेन समाप्त हो जाएगा."
यह भी पढ़ें
योद्धा नेपोलियन का प्लान कैसे हुआ था फेल, यूक्रेन पर बयान के बाद रूस ने फ्रांस को याद दिलाया इतिहास