नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. रक्षामंत्री ने मंगलवार को कहा, "मुझे रूस की ओर से आश्वासन दिया गया है कि हथियारों के लिए चल रहे अनुबंधों को बनाए रखा जाएगा और कई मामलों में कम समय में आगे बढ़ाया जाएगा. हमारे सभी प्रस्तावों को रूसी पक्ष से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. मैं अपनी चर्चाओं से पूरी तरह संतुष्ट हूं."


चीन के साथ बढ़े तनाव के बीच भारत एस-400 मिसाइल की आपूर्ति में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है. भारत और रूस के बीच 16 अरब के रक्षा सौदे निर्धारित हैं. दोनों देशों ने इस साल फरवरी में लखनऊ में डेफएक्सपो 2020 के दौरान 14 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसमें थल, वायु और नौसेना प्रणालियों और हाई-टेक सिविलियन उत्पादों के विकास और उत्पादन को शामिल किया गया है. भारत की ओर से 200 का-226 हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना है.


भारतीय वायुसेना ने आर-27 एयर-टू-एयर मिसाइल खरीदने के लिए रूस के साथ 1500 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इन मिसाइलों को भारतीय वायुसेना की मल्टी रोल सू-30एमकेआई फाइटर जेट्स पर फिट किया जाएगा. यह मिसाइल भारतीय वायुसेना की हवा से हवा में मार करने की क्षमता को और बढ़ावा देगी.


रक्षामंत्री की रूस यात्रा भारत और चीन के बीच गतिरोध बढ़ने के बाद हुई है. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.


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