रूस सरकार की फर्म क्लाशिकोव कंसर्न अडानी की कंपनी के साथ मिलकर एके-103 गन बनाना चहती थी लेकिन भारत सरकार ने इस पूरी डील से इनकार कर दिया. सरकार का कहना है कि यह एक सरकार दूसरी सरकार से समझौता था इसीलिए इस पूरी प्रक्रिया में प्राइवेट कंपनी को कोई भूमिका नहीं दी जा सकती. अडानी की कंपनी अभी कुछ दिन पहले ही रक्षा सेक्टर में अपना कारोबार शुरू की है. सरकार पहले से कांग्रेस की ओर से राफेल सौदे पर लग रहे हैं आरोपों की मार झेल रही हैं. कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया हैं कि सरकार ने 36 राफेल फाइटर प्लेन खरीदने में रिलांयस के डिफेंस सेक्टर को लाभ पहुंचा रही है.
अडानी से नहीं रूस को ओएफबी से करनी होगी डिफेंस डील
एजेंंसी
Updated at:
05 Sep 2018 03:16 PM (IST)
भारत को एको-103 भेजने के लिए रूस को अडानी से नहीं सरकारी कंपनी ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) से करना होगा समझौता. रुस सरकार की फर्म कलाशिकोव कंसर्न अडानी की कंपनी के साथ मिलकर एके-103 गन बनाना चहती थी.
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नई दिल्ली: एके 103 राइफल को लेकर रूस के दिये प्रस्ताव को भारत सरकार ने खारिज कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने कहा है कि रूस यदि भारत के लिए एके 103 राइफल बनाना चाहता है तो उसे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के साथ मिलकर बनाना होगा. यह पूरी डील विदेश मंत्रालय की देख-रेख में होगी. डील के अनुसार भारत सरकार की कंपनी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को रूस सरकार की फर्म क्लाशिकोव कंसर्न साथ मिलकर ये डील करना होगा.
रूस सरकार की फर्म क्लाशिकोव कंसर्न अडानी की कंपनी के साथ मिलकर एके-103 गन बनाना चहती थी लेकिन भारत सरकार ने इस पूरी डील से इनकार कर दिया. सरकार का कहना है कि यह एक सरकार दूसरी सरकार से समझौता था इसीलिए इस पूरी प्रक्रिया में प्राइवेट कंपनी को कोई भूमिका नहीं दी जा सकती. अडानी की कंपनी अभी कुछ दिन पहले ही रक्षा सेक्टर में अपना कारोबार शुरू की है. सरकार पहले से कांग्रेस की ओर से राफेल सौदे पर लग रहे हैं आरोपों की मार झेल रही हैं. कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया हैं कि सरकार ने 36 राफेल फाइटर प्लेन खरीदने में रिलांयस के डिफेंस सेक्टर को लाभ पहुंचा रही है.
रूस सरकार की फर्म क्लाशिकोव कंसर्न अडानी की कंपनी के साथ मिलकर एके-103 गन बनाना चहती थी लेकिन भारत सरकार ने इस पूरी डील से इनकार कर दिया. सरकार का कहना है कि यह एक सरकार दूसरी सरकार से समझौता था इसीलिए इस पूरी प्रक्रिया में प्राइवेट कंपनी को कोई भूमिका नहीं दी जा सकती. अडानी की कंपनी अभी कुछ दिन पहले ही रक्षा सेक्टर में अपना कारोबार शुरू की है. सरकार पहले से कांग्रेस की ओर से राफेल सौदे पर लग रहे हैं आरोपों की मार झेल रही हैं. कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया हैं कि सरकार ने 36 राफेल फाइटर प्लेन खरीदने में रिलांयस के डिफेंस सेक्टर को लाभ पहुंचा रही है.
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