Sergey Lavrov On RIC Meeting: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिमी देशों की आलोचना की और साथ ही बताया कि चीन, रूस और भारत के बीच इसी साल बैठक होगी. लावरोव ने शुक्रवार (3 मार्च) को कहा कि रूस (Russia), भारत (India) और चीन (China) के विदेश मंत्री इस साल त्रिपक्षीय समूह की बैठक के लिए मिलेंगे. भारत और चीन से संबंधों को लेकर रायसीना डायलॉग में पूछे गए सवालों के जवाब में लावरोव ने कहा कि हम कभी किसी के खिलाफ दोस्त नहीं बनाते हैं. हमारे चीन के साथ अच्छे संबंध हैं, भारत के साथ भी अच्छे संबंध हैं. हम चाहते हैं कि ये दो महान राष्ट्र मित्र बनें और हम मददगार बनने की कोशिश कर रहे हैं.


आरआईसी (RIC) समूह के लिए पूर्व रूसी विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव को श्रेय देते हुए उन्होंने कहा कि आरआईसी हमारी उपस्थिति में भारत और चीन के लिए एक मंच है. क्योंकि वे हर समय एक-दूसरे के साथ सहज महसूस नहीं कर सकते हैं. आरआईसी के विदेश मंत्री पिछली बार नवंबर 2021 में वर्चुअल माध्यम से मिले थे. फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से नहीं मिले हैं. आरआईसी के नेताओं ने आखिरी बार जून 2019 में व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी. 


क्वाड और इंडो-पैसिफिक पर किया कटाक्ष


ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) को ऐसे अन्य मंचों के रूप में गिनाते हुए, लावरोव ने क्वाड और इंडो-पैसिफिक पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि हम कभी भी किसी देश के खिलाफ किसी मामले में शामिल नहीं होते हैं. दुर्भाग्य से कुछ बाहरी देश इंडो-पैसिफिक के मामले में ऐसा कर रहे हैं. क्वाड का उपयोग आर्थिक उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि सैन्यीकरण करने की कोशिश के संदर्भ में किया गया है. 


उन्होंने कहा कि इस विचार को हमारे अमेरिकी मित्रों की ओर से बढ़ावा दिया जा रहा है और ये ऐसे प्रश्न हैं जिनका मुझे विश्वास है कि हमें अधिक खुले तौर पर और ईमानदारी से संबोधित करना चाहिए. ये इस क्षेत्र के लिए बनाए गए जोखिम हैं. रूस हमेशा लोगों को एक साथ लाने के पक्ष में रहेगा, जैसा कि हम कई बार करते हैं. 


"सिर्फ यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठा रहे पश्चिमी देश"


पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने आरोप लगाया कि वे जी20 समूह की बैठकों के दौरान यूक्रेन (Ukraine) युद्ध का मुद्दा उठा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि समूह की पिछली बैठकों में किसी ने भी इराक, अफगानिस्तान और यूगोस्लाविया में स्थिति की सुध नहीं ली. उन्होंने कहा कि क्यों हर कोई रूस से पूछ रहा है कि युद्ध खत्म करने के लिए क्या वह बातचीत करने को तैयार है. जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक आदेश पत्र पर हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के तहत मास्को के साथ बातचीत को एक आपराधिक कृत्य घोषित किया है. 


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