Russian Energy Purchases: ऊर्जा संसाधनों को लेकर रूस-भारत साझेदारी (Russia-India Partnership) की संभावनाओं पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian EAM Sergey Lavrov) की प्रतिक्रिया सामने आई है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई ने कहा कि भारत प्रतिबंधों में शामिल नहीं होना चाहता. उन्होंने कहा कि भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (Dr S.Jaishankar) सहित भारतीय नेताओं ने रूसी ऊर्जा खरीद पर प्रतिबंध में उन्हें शामिल करने के किसी भी प्रयास को सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया है.


सर्गेई ने कहा कि ऊर्जा संसाधनों को लेकर रूस के साथ साझेदारी को लेकर भारत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत (India) ने साफ कर दिया है कि वह अपने हितों का पालन करेंगे. 


पीएम मोदी ने रखा ये लक्ष्य


बता दें कि भारत ने अगले 25 सालों में ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने का लक्ष्य रखा है. पीएम मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में दिए अपने संबोधन में इस कहा था कि ऊर्जा के बड़े हिस्से की खपत परिवहन क्षेत्र में होती है लिहाजा इस क्षेत्र में नवोन्मेष को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. प्रधानमंत्री ने अपने इस संबोधन में कहा था कि भारत अगले 25 साल के 'अमृत काल' में ऊर्जा क्षेत्र में  आत्म-निर्भरता हासिल करना चाहता है. ऊर्जा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने के सफर में परिवहन एक अहम क्षेत्र है. पीएम ने इस बात का भरोसा जताया था कि भारत अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अवश्य सफलता हासिल करेगा. 


रूस के ऊर्जा के निर्यात से कमाई


बता दें कि रूस के वित्त मंत्रालय के दस्तावेजों से न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को मिली जानकारी के मुताबिक इस साल ऊर्ज के निर्यात से करीब 337.5 अरब डॉलर की कमाई होने का अनुमान है. दुनिया में तेल के निर्यात और गैस की कीमतें बढ़ने के कारण इस साल रूस की कमाई पिछले साल के मुकाबले 38 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है. रूस इस कमाई के जरिए पश्चिमी देशों द्वारा उसपर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण हुए नुकसान कुछ हद तक भरपाई करने की कोशिश करेगा. 


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