नई दिल्ली/गुरुग्राम/मुंबई: गुरुग्राम के रयान इंटरनेशनल स्कूल में एक सात साल के बच्चे की हत्या के मामले में रायन इंटरनेशनल ग्रुप के संस्थापकों और उनके सीईओ बेटे रायन पिंटो को बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक दिन की राहत दे दी है. कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी पर एक दिन की रोक लगा दी है.





रेयान इंटरनेशनल स्कूल के दो बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद ये जमानत याचिकायें दायर की गई थी. स्कूल के संस्थापक अध्यक्ष ऑगस्टीन पिंटो (73) और स्कूल की प्रबंध निदेशक उनकी पत्नी ग्रेस पिंटो (62) ने अपने बेटे रेयान पिंटो के साथ बॉम्बे होईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिये याचिका दायर की थी.

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याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि बच्चे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन प्रबंधन को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता और वे खुद दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के पीड़ित हैं. याचिका में कहा गया है कि इस मौत से न सिर्फ बच्चे के माता-पिता और परिवार को गहरा दुख हुआ है बल्कि न्यासी, प्रबंधन, कर्मचारी और स्कूल के छात्र भी बेहद दुखी हैं.

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तीनों ने अपनी जमानत याचिका में कहा है कि यह सिर्फ परिवार के लिये ही नहीं बल्कि संस्थान के लिये भी सबसे अंधकारमय क्षण हैं. पिछले चार दशक में संस्थान की स्थापना के बाद यह पहला मौका है जब इस तरह की घटना हुई है. उन्होंने कहा कि कानून और विवेक के मुताबिक छात्रों की सुरक्षा और कुशलता के लिये सभी आवश्यक कदम उठाने के बावजूद, अगर ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण हादसा होता है तो संस्थान को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह खुद दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों का पीड़ित है.

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गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल परिसर में छात्र की निर्मम हत्या के सिलसिले में रायन इंटरनेशनल स्कूल के दो वरिष्ठ अधिकारियों को रविवार रात गिरफ्तार कर लिया जिन्हें कोर्ट ने दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. स्कूल के कानूनी मामलों के प्रमुख फ्रांसिस थॉमस और एचआर प्रमुख जेयस थॉमस को पूछताछ के बाद रविवार रात गिरफ्तार किया गया था.

जबकि कार्यवाहक प्रिंसिपल को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया गया है. याचिका में कहा गया है कि न्यासी और प्रबंधन पुलिस का जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि स्कूल परिसर में किसी बाहरी व्यक्ति को जाने की इजाजत नहीं है, बस चालक और कंडक्टर, जिन्हें स्कूल की तरफ से परिचय पत्र दिया जाता है, को स्कूल परिसर के अंदर शौचालय जैसी आधारभूत सुविधाओं के इस्तेमाल की इजाजत मानवीय आधार पर दी जाती है. छात्र की हत्या के बाद इस मामले को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है.