भारत नाम पर विवाद को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- विरोध करने वाले पढ़ें संविधान
S Jaishankar On Bharat Name Row: जी-20 शिखर सम्मेलन में इंडिया की जगह भारत नाम लिखे जाने को लेकर चल रहे विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सलाह दी है.
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G-20 Summit: भारत में 9 से 10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के इन्विटेशन कार्ड्स पर इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर चल रहे विवाद को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सलाह दी है. उन्होंने कहा कि जो लोग भारत नाम पर आपत्ति जता रहे हैं उन्हें एक बार संविधान पढ़ लेना चाहिए.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "इंडिया दैट इज भारत' और यह संविधान में है. मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा. जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है."
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार (05 सितंबर) को जी-20 के डिनर इनवाइट पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे होने का दावा किया था. इसके बाद से ही विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर हैं. विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का नाम भी 'इंडिया' है. इन पार्टियों का कहना है कि इंडिया गठबंधन से डरकर ही राष्ट्रपति ऑफ भारत का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया के दौरे के बारे में जानकारी देते हुए प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत का उल्लेख किया.
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar speaks on the row over invitation cards to the G20 Summit, mentioning 'Bharat', India/Bharat debate
— ANI (@ANI) September 6, 2023
"India, that is Bharat - it is there in the Constitution. I would invite everybody to read it...When you say Bharat, in a sense, a meaning and an… pic.twitter.com/5tg6QTK86c
विपक्ष पर साधा निशाना
जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार के इंतजाम की विपक्ष आलोचना कर रहा है. इस पर एस जयशंकर ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेषाधिकार था. वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई, जहां देश का प्रभाव संभवतः विज्ञान भवन में या उसके दो किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो. उन्होंने आगे कहा कि ये एक अलग युग है, ये अलग सरकार है और ये एक अलग विचार प्रक्रिया है.
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