UNSC: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (15 दिसंबर) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों  के बारे में कामा एंड एल्बलेस अस्पताल में नर्सिंग अधिकारी अंजलि विजय कुलथे को विस्तार से बोलने का मौका दिया और इस तरह से पूरी दुनिया के सामने आतंक के असली चेहरे को सामने लाने का काम किया. 


अंजलि विजय कुलथे ने अपनी बारी के दौरान उन सारी घटनाओं को बताया, जो उन्होंने उस आतंकी हमले के समय देखी और बिताई थी. उन्होंने कहा कि 26/11 मुंबई हमलों में बहुत से लोगों की जान चली गई, बहुत से बच्चे अनाथ हो गए, बहुत से लोग सदमे में आ गए. इस दौरान उन्होंने बात पर जोर देते हुए कहा कि, मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहती हूं की हमले के पीछे साजिश करने वाले को सजा मिलें और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले.




कसाब को रत्ती भर भी पश्चाताप नहीं था


अंजलि विजय कुलथे ने बात के दौरान कहा, "मेरा मन आज भी उस दिन के बारे में सोच के बहुत कचोटता है. कसाब के मन में अपने गुनाह को लेकर रत्ती भर भी ग्लानि या पश्चाताप नहीं था.'' उन्होंने कहा कि हमले के एक महीने बाद मुझे हमले में शामिल एक आतंकवादी की पहचान करने के लिए बुलाया गया था. हालांकि मेरे परिवार के मन में इस बात को लेकर डर था, क्योंकि मुझे एक आतंकवादी की पहचान करने के लिए बुलाया गया था और जब मैंने कसाब को पहचाना, तो उसने मुस्कुराते हुए कहा कि मैंने उसे सही पहचाना है.


कई रातों तक चैन से सो नहीं सकी


UNSC में दुनिया के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने बातों को बोलते हुए अंजलि विजय कुलथे ने कहा, "उस घटना के बाद मैं कई रातों तक चैन से सो नहीं सकी. मैं आज भी जब हमलों की रात को याद करती हूं तो सिहर उठती हूं." लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि हमले वाली रात को 20 गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों की जान बचाने में सफल रही. उसी रात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मेरी वर्दी ने मुझे साहस दिया और नर्सिंग के प्रति मेरे जुनून ने मुझे विचारों की स्पष्टता दी." एक मरीज को गर्भावस्था वॉर्ड में ले जाने के दौरान अंजलि ने भारी गोलीबारी और ग्रेनेड विस्फोटों को सुना और पूरी रात अंधेरे में बिताई लेकिन उनके लिए ये विश्वास करना मुश्किल था कि वो लोग जिंदा थे.


एस जयशंकर ने बताया खतरा


एस जयशंकर ने कहा कि हम एक और 'न्यू यॉर्क का 9/11' या 'मुंबई का 26/11' फिर से नहीं होने दे सकते. आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है. किसी भी देश को आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए और हममें से किसी को भी सामूहिक रूप से ऐसी गणनाओं को कभी नहीं करना चाहिए.


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