S Jaishankar In Jakarta: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा की विदेश मंत्री मिलानी जॉली से मुलाकात की और उनके सामने खालिस्तान का मुद्दा उठाया. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शुक्रवार (14 जुलाई) को आसियान क्षेत्रीय मंच की बैठक के इतर दोनों देशों के विदेश मंत्री मिले. विदेश मंत्री जयशंकर ने हिंसा को उकसाने वालों से कड़ाई से निपटने और कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया. इसके अलावा डॉ. जयशंकर ने चीनी राजनयिक वांग यी के साथ भी मुलाकात और सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. 


जॉली के साथ मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट कर बताया, "जकार्ता में कनाडाई विदेश मंत्री मिलानी जॉली से मुलाकात की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र तथा हमारे आर्थिक सहयोग पर चर्चा की." उन्होंने आगे लिखा, हमारे राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को और हिंसा को भड़काने वाली स्थिति से कड़ाई से निपटने की जरूरत को रेखांकित किया. 


कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियां तेज


कनाडा में हाल के दिनों में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों में तेजी आई है. कनाडा में पिछले कुछ महीनों में खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों से जुड़ी कई घटनाएं सामने आई हैं जहां भारतीय प्रतिष्ठानों  और राजनयिकों को निशाना बनाया गया. पिछले दिनों कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने ऑनलाइन पोस्टर फैलाए थे, जिसमें भारतीय राजनयिकों को चिह्नित कर उन्हें नुकसान पहुंचाने की बात लिखी गई थी. 


भारत ने कनाडा के समक्ष ये मुद्दा उठाया था, जिसके बाद कनाडा ने भारत को राजनयिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था. भारत ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों से कहा है कि चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा को बढ़ने नहीं दें और इनका बढ़ना रिश्तों के लिए अच्छा नहीं है.


वांग यी के साथ सीमा विवाद पर चर्चा


चीनी विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के बारे में जयशंकर ने ट्वीट कर लिखा, "विदेश मामलों के लिए सीपीसी (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना) केंद्रीय आयोग के कार्यालय निदेशक वांग यी के साथ एक बैठक की." जयशंकर ने कहा कि उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति से संबंधित लंबित मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि बातचीत में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन/एआरएफ एजेंडा, ब्रिक्स और हिंद-प्रशांत क्षेत्र भी शामिल था. चीन के मौजूदा विदेश मंत्री किन गैंग के अस्वस्थ हैं, जिसके कारण जकार्ता में आसियान बैठक में उनकी जगह पूर्व विदेश मंत्री वांग यी ने हिस्सा लिया था.


भारत का लगभग तीन साल से चीन के साथ सैन्य गतिरोध बना हुआ है. जून 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसा हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इस दौरान चीन के सैनिक भी मारे गए थे.  जयशंकर ने दावा किया है कि चीन के साथ सैन्य गतिरोध उनके लंबे राजनयिक करियर की सबसे जटिल चुनौती है. 


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