S Jaishankar In GCC: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (9 सितंबर 2024) को मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के बीच हो रहे युद्ध को लेकर बयान दिया है. भारत-खाड़ी सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में उन्होंने गाजा की स्थिति पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि गाजा में जितनी जल्दी हो सके युद्ध रुकना चाहिए. उन्होंने कहा कि गाजा की स्थिति को लेकर भारत का रुख सैद्धांतिक रहा है.


'निर्दोष नागरिकों की हो रही मौतें'


खाड़ी सहयोग संगठन खाड़ी के छह देशों, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन का संगठन है. यहां भारत के विदेश मंत्री ने कहा, "हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों की लगातार हो रही मौतों से हमें गहरा दुख है. किसी भी प्रतिक्रिया में मानवीय कानून के सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम जल्द से जल्द युद्ध विराम का समर्थन करते हैं."


'भारत ने फिलिस्तीन में भेजी मानवीय सहायता'


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "बड़े मुद्दे पर हम लगातार दो-राज्य समाधान के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़े रहे हैं. हमने फिलिस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में भी योगदान दिया है. जहां तक ​​मानवीय स्थिति का सवाल है, हमने राहत भेजी है और यूएनआरडब्ल्यूए को अपना समर्थन बढ़ाया है." कोरोना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "महामारी ने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के लिए हम एक-दूसरे के लिए कितने जरूरी हैं." इस दौरान उन्होंने एआई, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ग्रीन ग्रोथ की मांगों का जिक्र किया.


एस जयशंकर ने कहा कि भारत और जीसीसी के बीच का ये बंधन समय के साथ-साथ मजबूत होते गए हैं. अर्थशास्त्र, ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, लोगों से लोगों के संबंधों और उससे भी आगे तक फैली हुई है. इस दौरान उन्होंने 3पी यानी पीपुल, प्रॉस्पेरिटी और प्रोग्रेस की रूपरेखा सभी देशों के सामने रखा.


खाड़ी देशों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, करीब 9 मिलियन भारतीय आपके बीच काम करते हैं और रहते हैं, जो हमारे बीच एक जीवंत पुल का काम करते हैं. आपकी आर्थिक प्रगति में उनका बड़ा योगदान है. हम उनके कल्याण और आराम को सुनिश्चित करने के लिए आपको धन्यवाद देते हैं.


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