India-China Relation: 'हमारे संबंध अच्छे नहीं', भारत-चीन के रिश्तों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान
S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टोक्यो में भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध पर बात की है. जयशंकर बोले कि दोनों देशों को जारी विवाद को खुद ही हल करने की जरुरत है.
S Jaishankar On India-China Border Dispute: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार (29 जुलाई) को टोक्यो (Tokyo) में क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक (quad ministerial meeting) को संबोधित किया. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संबोधन के दौरान भारत-चीन के वास्तविक मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारा मुद्दा है और इसका समाधान हम दोनों को ही निकालना है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने भारत-चीन सीमा विवाद (India-China Border Dispute) में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'हम भारत और चीन के बीच वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं.' बता दें कि लंबे समय से भारत-चीन के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.
'भारत-चीन के संबंध अच्छे नहीं हैं'
क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए यहां आए जयशंकर ने यह भी कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध अच्छे नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे बीच एक समस्या (tension) है, या मैं कहना चाहूंगा कि भारत और चीन के बीच एक मुद्दा है. मुझे लगता है कि हम दोनों को इस पर बात करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए.'
चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक को किया याद
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस महीने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ दो बार हुई अपनी बैठक को भी इस दौरान याद किया. उन्होंने कहा, 'जाहिर है, दुनिया के अन्य देशों की भी इस मामले में रुचि होगी, क्योंकि हम दो बड़े देश हैं और हमारे संबंधों की स्थिति का बाकी दुनिया पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन हम अपने बीच के वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं.'
बैठक में किन मुद्दों पर बनी थी सहमति?
बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बीते सप्ताह लाओस की राजधानी में मुलाकात की थी. मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर सहमति भी जताई थी. बैठक के दौरान, उन्होंने मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन देने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की थी.
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