S Jaishankar On Rahul Gandhi: 'LAC पर पीएम मोदी ने सेना भेजी, उन्होंने नहीं', राहुल गांधी के चीन वाले बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का पलटवार
India-China Boarder Dispute: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (21 फरवरी) को राहुल गांधी के भारत-चीन तनाव पर बयान को लेकर जवाब दिया.
S Jaishankar On Rahul Gandhi: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (21 फरवरी) को राहुल गांधी के चीन वाले बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि वो भारत-चीन तनाव को लेकर गलत धारणा फैला रहे हैं. जयशंकर ने न्यूज एंजेसी एएनआई से कहा, ''वो नैरेटिव फैला रहे हैं कि भारत सरकार डरी हुई है, ऐसा है तो भारतीय सेना को एलएसी पर किसने भेजा? राहुल गांधी ने उन्हें नहीं भेजा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भेजा हैं. यह उनसे पूछा जाना चाहिए कि कौन सच बोल रहा है.''
जयशंकर ने इशारों में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें 'C' से शुरू होने वाले शब्दों को समझने में थोड़ी दिक्कत हो रही होगी. यह सच नहीं है. मुझे लगता है कि वे जानबूझकर स्थिति को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. यह सरकार सीमा के बुनियादी ढांचे के बारे में गंभीर है. दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर चीन को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. राहुल का कहना है कि सरकार चीन का नाम लेने से डरती है. इसी को लेकर एस जयशंकर ने जवाब दिया है.
'राहुल गांधी से सीखने के लिए तैयार हूं'
जयशंकर ने कहा कि मैं सबसे लंबे समय तक चीन का राजदूत रहा और बॉर्डर मु्द्दों को डील कर रहा था. मैं ये नहीं कहूंगा कि मुझे सबसे अधिक ज्ञान है मगर मैं इतना कहूंगा कि मुझे इस (चीन) विषय पर काफी कुछ पता है. अगर उनको (राहुल गांधी) को चीन पर ज्ञान होगा तो मैं उनसे भी सीखने के लिए तैयार हूं. ये समझना मुश्किल क्यों है कि जो विचारधार और राजनीतिक पार्टियां हिंदुस्तान के बाहर हैं, उससे मिलती जुलती विचारधारा और पार्टियां भारत के अंदर भी हैं और दोनों एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय सेना और चीन की आर्मी के बीच हुई झड़प को लेकर कहा था कि चाइना युद्ध की तैयारी कर रहा है. इसको लेकर मोदी सरकार गंभीर नहीं है. इस कारण सरकार हमारे सवालों का जवाब भी नहीं दे रही है. उन्होंने दावा किया था कि केंद्र सरकार चर्चा से भाग रही है.
ये भी पढ़ें- रूस-यूक्रेन युद्ध के 12 महीने: चीन का एक फैसला क्यों पूरी दुनिया के लिए बना बड़ा खतरा?