S Jaishankar On Jio Politics: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (13 अगस्त) को कहा कि भारत अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ काम करने के लिए तैयार है, चाहे उस पद पर कोई भी हो. नई दिल्ली में इंडियास्पोरा की प्रभाव रिपोर्ट के विमोचन के मौके पर आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी प्रणाली अपना फैसला सुनाएगी और भारत को इस बात का पूरा भरोसा है कि जो भी सरकार निर्वाचित होगी, वह उसके साथ काम करने में सक्षम होगी.


न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, "आम तौर पर हम दूसरे लोगों के चुनावों पर टिप्पणी नहीं करते क्योंकि हम यह भी उम्मीद करते हैं कि दूसरे लोग हम पर टिप्पणी नहीं करेंगे. लेकिन अमेरिकी प्रणाली अपना फैसला सुनाएगी और मैं यह सिर्फ औपचारिकता के तौर पर नहीं कह रहा हूं, लेकिन अगर आप पिछले 20 सालों पर नजर डालें, शायद हमारे लिए थोड़ा ज्यादा हो तो हमें पूरा भरोसा है कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ काम करने में सक्षम होंगे, चाहे वह कोई भी हो."


‘समस्याओं के समाधान के बारे में सोचता हूं’


जब उनसे पूछा गया कि वे वर्तमान वैश्विक स्थिति को किस प्रकार देखते हैं तो एस जयशंकर ने कहा कि विश्व एक असाधारण कठिन दौर से गुजर रहा है, उन्होंने यूक्रेन और इजरायल में चल रहे संघर्षों पर भी बात की. उन्होंने कहा, "मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं और आम तौर पर समस्याओं के समाधान के बारे में सोचता हूं, न कि उन समस्याओं के बारे में जो समाधान से निकलती हैं लेकिन मैं बहुत गंभीरता से कहूंगा कि हम एक असाधारण कठिन दौर से गुजर रहे हैं."


'कोविड के प्रभाव से कई देश अभी भी बाहर नहीं आ पाए'


उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अगले पांच सालों के लिए दृष्टिकोण काफी निराशाजनक लगता होता है. जयशंकर ने कहा, "मिडिल ईस्ट में जो कुछ भी हो रहा है, यूक्रेन में जो कुछ भी हो रहा है, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया में जो कुछ भी हो रहा है, वह सब कोविड के निरंतर प्रभाव को दर्शाता है, जिसे हममें से जो लोग इससे बाहर आ चुके हैं, वे हल्के में ले रहे हैं, लेकिन कई लोग इससे बाहर नहीं आ पाए हैं."


जयशंकर ने यह भी कहा कि दुनिया महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें व्यापार कठिनाइयों, विदेशी मुद्रा की कमी और विभिन्न अन्य व्यवधानों से जूझ रहे देशों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि जलवायु संबंधी घटनाएं भी वैश्विक अस्थिरता में योगदान दे रही हैं, जिसके गंभीर परिणाम हो रहे हैं.


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