भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को 'दोहरी पहेली' बताया. दुनिया में किसी भी देश के लिए पड़ोसी हमेशा पहेली होते हैं, खासकर प्रमुख शक्तियां.उन्होंने कहा, चीन के मामले में हमारे सामने दोहरी पहेली है, क्योंकि वह पड़ोसी है और प्रमुख शक्ति है. इसलिए चीन का उदाहरण इस मामले में डबल फिट होता है. 


विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, दुनिया में किसी भी देश के लिए पड़ोसी हमेशा पहेली होते हैं, खासकर प्रमुख शक्तियां. उन्होंने कहा, प्रमुख शक्तियां भी पहेली होती हैं क्योंकि वे प्रमुख होती हैं और उनके व्यापक हितों के चलते वे बड़ी पहली बन जाती हैं. उनके पास हमेशा बड़ा एजेंडा होता है, जो पड़ोसी देश के साथ ओवरलैप होता है. लेकिन अलग-अलग स्तर पर यह अलग-अलग होता है. 


अनुच्छेद 370 खत्‍म हो चुका- एस जयशंकर


दिल्ली में आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में जयशंकर ने कहा, पाकिस्तान के साथ बातचीत का युग खत्म हो गया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी देश निकटता की वजह से अपने पड़ोसी की चुनौतियों से आजाद नहीं है. इससे अवसर और जटिलता दोनों पैदा होती हैं. 


उन्होंने कहा, पाकिस्तान के साथ वार्ता का युग समाप्त हो चुका है. जहां तक ​​जम्मू-कश्मीर का सवाल है, अनुच्छेद 370 खत्‍म हो चुका है. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत पाकिस्तान के साथ रिश्ते को ऐसे ही जारी रखने से संतुष्ट है, उन्होंने कहा, शायद हां, शायद नहीं. मैं जो कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में जाएं. किसी भी तरह हम प्रतिक्रिया करेंगे.


क्यों अहम है जयशंकर का ये बयान?

आर्टिकल 370 को लेकर एस जयशंकर का ये बयान जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण हैं, जहां दोनों मुख्यधारा की क्षेत्रीय पार्टियों, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत और संबंध बहाल करने की बात कही है. दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध 5 अगस्त 2019 से समाप्‍त हो चुके हैं, जब भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था.