विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने फिर दोहराया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर, PoK भारत का हिस्सा है और हमेशा रहेगा. पिछले हफ्ते से जारी हिंसक प्रदर्शनों को लेकर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात बदले हैं और यहां के लोग प्रगति कर रहे हैं, जबकि पीओके में रहने वालों के साथ भेदभाव और बुरा बर्ताव होता है. इस वजह से शायद वहां के लोग अपनी तुलना जम्मू-कश्मीर के लोगों से करते हैं.
एस. जयशंकर ने कहा, 'इस समय पीओके उबल रहा है, सोशल मीडिया और टीवी पर उससे जुड़ी खबरें चारों पर तरफ फैली हुई हैं. मुझे लगता है कि इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि पीओके में रहने वाले लोग अपने हालात की तुलना जम्मू-कश्मीर में रहने वालों से कर रहे हैं क्योंकि आज के समय में वास्तव में यहां के लोग प्रगति कर रहे हैं.'
एस. जयशंकर ने आगे कहा कि पीओके में लोगों को भेदभाव और बुरे बर्ताव का सामना करना पड़ता है, जिससे लोग ये दुखी हैं. उनसे आगे जब सवाल किया गया कि जम्मू-कश्मीर और पीओके कब एक होंगे तो जयशंकर ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस सवाल का मतलब क्या है क्योंकि पीओके हमेशा से भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.
उन्होंने कहा, 'मुझे समझ नहीं आया कि पीओके को भारत में मिलाने से आपका क्या मतलब है, वो तो भारत का ही है और रहेगा भी. अगर आप मुझसे पूछते कि वहां से कब्जा कब खत्म होगा तो आपका सवाल मुझे जरूर दिलचस्प लगता है.'
एस. जयशंकर ने कहा, 'जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था, तब तक देश में पीओके पर इतनी बात नहीं होती थी. 90 के दशक में एक समय पर इसे लेकर चर्चा हुई थी. वो भी पश्चिमी देशों का हम पर दबाव था और इसलिए संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर दिया गया था.'
शुक्रवार (10 मई) से पीओके में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई को लेकर लोग गुस्से में हैं और सरकार से बिजली के दाम कम करने की मांग कर रहे हैं. हिंसक प्रदर्शनों से सरकार घुटनों पर आ गई है और तत्काल प्रभाव से पीओके के लिए 23 अरब के बजट को मंजूरी दे दी है. साथ ही स्थानीय सरकार ने भी बिजली और ब्रेड के दाम कम किए हैं.
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