S Jaishankar on BRICS: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर BRICS पर शुरू से ही सख्त रहे हैं. दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने BRICS देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी तक दे दी है. वह इस संगठन में शामिल देशों पर अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने का भी आरोप लगा चुके हैं. ऐसे में लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर से BRICS को लेकर सवाल पूछे गए. विदेश मंत्री ने इनमें से कुछ सवालों के तो सीधे-सीधे जवाब दिए लेकिन कुछ सवालों से वह किनारा करते नजर आए.


लोकसभा के तीन सांसदों ने BRICS की वर्तमान स्थिति पर अलग-अलग सवाल दागे. CPI (M) सांसद एस वेंकटेसन ने जब लिखित सवाल के जरिए पूछा कि BRICS देशों को मिल रही टैरिफ धमकियों पर भारत का क्या रूख है और क्या भारत भी ऐसे में अमेरिका पर जैसे का तैसा टैरिफ लगाएगा? तो इस पर विदेश मंत्रालय की ओर से जवाब मिला, 'भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है, यह एक ऐसा मंच है जिसकी सदस्यता और एजेंडा पिछले दो दशकों में लगातार बढ़ा है. हमारा प्रयास अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच ब्रिक्स गतिविधियों की समझ को बढ़ाना है.'


जदयू के दो सांसदों ने जब यह पूछा कि क्या ट्रंप की धमकियों से BRICS टूट रहा है? तो एस जयशंकर ने इसे खारिज किया. उन्होंने कहा कि BRICS जिन एजेंडों को लेकर बनाया गया था, उन पर लगातार काम कर रहा है. जयशंकर ने कहा, इस समूह का उद्देश्य वैश्विक व्यवस्था को आकार देने के लिए मिलकर काम करना है और अभी भी वही हो रहा है.


'डॉलर कमजोर करने के प्रयास में भारत शामिल नहीं'
जयशंकर ने ट्रंप के उन आरोपों पर भी जवाब दिया, जिसमें BRICS देशों पर डॉलर कमजोर करने का षड़यंत्र रचने की बात शामिल है. जयशंकर ने कहा कि भारत डॉलर को कमजोर करने या BRICS की एक कॉमन करंसी रखने के किसी भी प्रयास में शामिल नहीं है. उन्होंने कहा, 'डॉलर को कमजोर करना भारत की आर्थिक या राजनीतिक किसी भी तरह की रणनीतिक नीति का हिस्सा नहीं है. भारत ने द्विपक्षीय बैठकों में बार-बार अमेरिकी अधिकारियों को यही बात बताई है.'