म्यूनिख: म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में चर्चा के दौरान अमेरिकी सीनेटर (सांसद) ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. इसके जवाब में मंच पर मौजूद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत स्वयं यह मुद्दा सुलाझा लेगा. सम्मेलन में परिचर्चा के दौरान अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कश्मीर का संदर्भ देते हुए कहा कि लोकतंत्र का प्रदर्शन करने का सबसे बेहतर तरीका है कि कश्मीर मुद्दे का लोकतांत्रिक तरीके से समाधान किया जाए.


रिपब्लिकन नेता ने कहा, ‘‘ भारत में आप आगे बढ़ रहे हैं, आपके समक्ष भी समस्याएं हैं जैसे हमारे अपने घरेलू स्तर पर है लेकिन आपने लोकतांत्रिक रास्ता चुना. जब कश्मीर की बात आती है तो मुझे नहीं पता कि इसका अंत कैसे होगा लेकिन यह सुनिश्चित करें कि दोनों लोकंतत्र इसे अलग तरीके से समाधान करें. अगर आप अपनी अवधारणा को साबित कर देंगे तो मेरा मानना है कि यह लोकतंत्र दिखाने का बेहतर रास्ता होगा.’’


इसपर जयशंकर ने तुरंत जवाब दिया, ‘‘सीनेटर, चिंता नहीं करें. एक लोकतंत्र इसका समाधान करेगा और आप जानते हैं कि वह कौन है.’’ परिचर्चा के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि पहले के मुकाबले आज संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता कहीं कम है और इसे बारे में कुछ किया जाना चाहिए. विदेशमंत्री ने ‘‘पश्चिम विहीनता’’ और बहुपक्षीय पर भी चर्चा की.






उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्ट तौर पर बहुपक्षवाद कमजोर हुआ है और पश्चिमविहीनवाद’’ (पश्चिमी विचार का क्षय) सामने आया है और मेरा मानना है कि इन दोनों में अंतर संबंध है. यह नहीं कहा जा सकता कि बहुपक्षवाद अकेले पश्चिम पर निर्भर है या पश्चिम बहुपक्ष के प्रति ईमानदार है.’’


जयशंकर ने रेखांकित किया है कि वैश्विक राजनीति पुन: संतुलन के दौर से गुजर रहा है और यह पश्चिम के लचीलेपन का एक मामला है. उन्होंने कहा, ‘‘सृजनात्मक कूटनीति और बहुलवाद समझ से बहुपक्षवाद और मजबूत हो सकता है. उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा नीति पर बहस के लिए शीर्ष मंच म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन यहां 14 से 16 फरवरी के बीच आयोजित किया गया है.


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