S. Jaishankar: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ऑस्ट्रेलिया (Australia) के दो दिवसीय यात्रा पर हैं, जहां पर उन्होंने बुधवार (12 अक्टूबर) को भारतीय (Indian) समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिये ऑस्ट्रेलिया, भारत का अहम साझेदार है. दोनों के एक साथ मिलकर काम करने से यह सुनिश्चित होगा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र, मुक्त, स्थिर और समृद्ध रहेगा. जयशंकर ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना कुछ समय ऑस्ट्रेलिया की सेना के साथ बिताया है. उन्होंने अपना कुछ समय ऑस्ट्रेलिया की सेना के साथ बिताया है.
ऑस्ट्रेलिया काफी अहम साझेदार हैं
जयशंकर ने कहा, ‘‘हिन्द प्रशांत में सुरक्षा और स्थिरता के लिहाज से आज ऑस्ट्रेलिया हमारे लिए काफी अहम साझेदार हैं. ये हमारे संबंधों में आए बड़े बदलाव को इस फैक्ट से साफ देख सकते है कि दोनों देश Quadrilateral Security Dialogue(QUAD) में सदस्य हैं और कई तरह से मिलकर काम कर रहे हैं ताकि हिन्द प्रशांत क्षेत्र का स्वतंत्र, मुक्त, स्थिर और समृद्ध बना रहना सुनिश्चित किया जा सके.’’
ऑस्ट्रेलिया में दो महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास किये
भारत के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने पिछले वर्ष भी देखा है कि इस देश के साथ हमने कितनी प्रगति की है. हमने ऑस्ट्रेलिया में दो महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास किये, जिसमें भारतीय सेना ने हिस्सा लिया.’’ जयशंकर ने कहा कि यह माना जाता है हर एक देश को एक दूसरे के मामले के संबंध और क्षेत्र की बेहतरी में योगदान देने के लिये दो देशों की साझा क्षमता जरुरी होती है, जो आज के संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण कारक बन गए हैं.
चीन से हिन्द प्रशांत को स्वतंत्र करना लक्ष्य
मालूम हो कि अमेरिका, भारत और दुनिया की कई और पावरफुल देश हिन्द प्रशांत को स्वतंत्र, मुक्त और समृद्ध बनाने को सुनिश्चित करने की जरूरत पर बात कर रही हैं. हिन्द प्रशांत क्षेत्र में जो सैन्य आक्रामकता बढ़ रही है, इसमें चीन की भूमिका रही है. चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे एरिया पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रूनेई, मलेशिया, वियतनाम भी इसके हिस्सों पर दावा करते है. चीन ने दक्षिण चीन सागर में आर्टिफिशियल द्वीप और सैन्य ठिकाने बना लिए है.
आर्थिक सहयोग और कारोबार समझौता के बारे में चर्चा
विदेश मंत्री ने भारत ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और कारोबार समझौता के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘‘आपको बताना चाहता हूं कि हकीकत में India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement (ECTA) को अपनाने की तरीका जारी है. हमें पूरा विश्वास है कि इस साल के अंत तक या अगले साल के शुरुआत तक हम एक नया आर्थिक ढांचा पेश करने की स्थिति में होंगे.
यह हमारे सहयोग को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने में सहायक होगा. जयशंकर ने ये भी कहा, ‘‘अब, कुल मिलाकर एक बात मैं आपको बताना चाहता हूं कि दोनों देशों ने कई अर्थों में हमारे संबंधों की ताकत को पहचान है और इसे काफी गंभीर रूप में लेना शुरू किया है.
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