नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को उपहार के रूप में कोरोना वायरस वैक्सीन की दो लाख खुराक देने की घोषणा की है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि ‘वैक्सीन राष्ट्रवाद’ को बंद करना होगा. असल में, सक्रियता से अंतराष्ट्रीयवाद को प्रोत्साहित करना होगा.
उन्होंने कहा, ''टीकों की जरूरत से ज्यादा जमाखोरी सामूहिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में हमारे प्रयासों को व्यर्थ कर देगी.'' जयशंकर ने कोवैक्स तंत्र के दायरे में सहयोग का आह्वान किया जो गरीब देशों के लिए पर्याप्त टीके प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है.
एस जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि महामारी का फायदा उठाने के लिये गलत जानकारी पर आधारित अभियान चलाए जा रहे हैं, ऐसे कुटिल लक्ष्यों और गतिविधियों को निश्चित रूप से रोका जाना चाहिए.
बता दें कि भारत में 16 जनवरी को टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ है. इसके चार दिन बाद भारत ने विभिन्न देशों को टीका उपलब्ध कराने के लिए ‘‘टीका मैत्री’’ अभियान की शुरूआत की गई. बीते हफ्तों में भूटान, म्यांमा, नेपाल से लेकर बांग्लादेश, श्रीलंका, मॉरीशस, सेशेल्स तक लाखों की तादाद में भारत में निर्मित टीके पहुंचाये गए हैं.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ‘‘भारत ने कोविड-19 के टीके की 229 लाख खुराक विभिन्न देशों को प्रदान की हैं जिनमें से 64 लाख खुराक अनुदान सहायता के रूप में और 165 लाख खुराक वाणिज्यिक आपूर्ति के तहत भेजी गई हैं. आने वाले दिनों में टीका अफ्रीकी देशों, लातिन अमेरिका, कैरिकोम और प्रशांत द्वीपीय देशों को भेजा जाएगा. ’’