नई दिल्लीः भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का एक हिस्सा है और देश को उम्मीद है कि एक दिन ये हमारे अधिकार क्षेत्र में होगा. वहीं उन्होंने कहा कि भारत का हमेशा से ये कहना रहा है कि पीओके भारत का हिस्सा रहा है. इसमें कोई संदेह नहीं है. आज एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम मुद्दों पर बात की.


एस जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के मुद्दे पर फिर खरी-खरी कही है. उन्होंने साफ कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए एक ही मुद्दा है और वो है सीमापार आतंकवाद. मौजूदा माहौल में पाकिस्तान के साथ बातचीत संभव नहीं है क्योंकि पाक केवल बात करता है, ज़मीन पर कुछ नहीं करता.


उन्होंने कहा कि हम इस सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर मिल रहे हैं. विदेश मंत्रालय का काम नई सरकार के काम सम्भलने के साथ ही शुरू हो गया था, जब हमने बिम्सटेक नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समरोह में बुलाया था.


भारत-अमेरिकी संबंधों पर बोले एस जयशंकर


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध काफी लम्बी दूरी तय कर चुके हैं और दोनों देशों के संबंधों में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जो आगे की दिशा में नहीं बढ़ा हो. भारत और अमेरिका के संबंध लगातार आगे की ओर बढ़े हैं, चाहे बुश प्रशासन हो, ओबामा या अब ट्रंप के तहत प्रशासन हो. दोनों देशों के बीच वाणिज्य को लेकर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार समस्या 'सामान्य' है


उन्होंने कहा कि 'यह बड़े सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी के ह्यूस्टन कार्यक्रम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय समुदाय का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है.' विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय को संबोधित करते रहे हैं और इस क्रम में साल 2014 में उन्होंने न्यूयार्क में मैडिसन स्कवायर में तथा 2015 में उन्होंने सैन जोस में संबोधन दिया था. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध काफी बेहतर हैं. हम देखते हैं कि दुनिया में पुन: संतुलन चल रहा है और बहुध्रुवीय व्यवस्था की बात हो रही है, ऐसे में भारत की बात आज ध्यान से सुनी जा रही है. उन्होंने उत्तरी अमेरिका, यूरोप, खाड़ी, आसियान एवं अफ्रीकी देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत बनाने के प्रयासों का भी जिक्र किया.


कश्मीर पर बोले विदेश मंत्री
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एक सीमा के बाद इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कश्मीर पर लोग क्या कहेंगे. उन्होंने जोर दिया कि अपने आंतरिक मामलों में भारत की स्थिति मजबूत रही है और मजबूत रहेगी.' मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने अपने मंत्रालय के कामकाज के 100 दिनों की उपलब्धियां भी गिनायीं. विदेश मंत्री ने कहा कि 1972 के बाद से भारत की स्थिति स्पष्ट है और इसमें कोई बदलाव नहीं आने वाला है.


उन्होंने कहा, ‘अंतत: यह मेरा मुद्दा है और मेरा रूख मजबूत रहा है और मजबूत रहेगा ’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश अपनी छवि बनाते हैं.


उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अफगानिस्तान को लेकर की गई उस टिप्पणी को भी याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि यह सूचना प्रौद्योगिकी बनाम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का विषय है और किस प्रकार से दो आईटी के अलग-अलग माने हैं. एक का संदर्भ भारत से है जो आईटी पेशेवरों के संबंध में है जबकि दूसरा पाकिस्तान के संदर्भ में है. पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत ‘पड़ोस प्रथम’की नीति को आगे बढ़ा रहा है लेकिन उसके समक्ष एक पड़ोसी की ‘अलग तरह की चुनौती’है जिसे सामान्य व्यवहार करने और सीमापार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है.


जयशंकर ने यह भी कहा कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद, अनुच्छेद 370 को हटाये जाने जैसे मुद्दे पर भारत के पक्ष से वैश्विक जगत को अवगत कराया गया . उन्होंने कहा, ‘अपने आंतरिक मामलों में भारत की स्थिति मजबूत रही है और मजबूत रहेगी .’