S Jaishankar On India-China Boarder Dispute: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा पर भारत-चीन तनाव को लेकर राहुल गांधी पर मंगलवार (21 फरवरी) को तंज कसा. उन्होंने कहा कि चाइना को लेकर उन्हें (राहुल गांधी) ज्यादा समझ है तो वो उनको सुनने को तैयार हैं.
एस जयशंकर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ''वो सबसे लंबे समय तक चीन के राजदूत रहे और इस दौरान सीमा से जुड़ों मु्द्दों को डील किया. मैं ये नहीं कहूंगा कि मुझे सबसे अधिक ज्ञान है, लेकिन मैं इतना कहूंगा कि मुझे इस (चीन) विषय पर काफी कुछ पता है. अगर उनको (राहुल गांधी) चीन पर ज्ञान होगा तो मैं उनसे भी सीखने के लिए तैयार हूं.'' दरअसल राहुल गांधी चीन से हुई झड़प को लेकर कहते रहे कि सरकार चीन का नाम नहीं ले रही है.
'पीएम नरेंद्र मोदी ने भेजा है'
एस जयशंकर ने कहा कि कभी कहा जाता है कि सरकार रक्षात्मक है, कभी कहा जाता है कि सरकार उदार हो रही है. अगर हम उदार हैं तो एलएसी पर आर्मी को किसने भेजा? राहुल गांधी ने सेना को नहीं भेजा, पीएम नरेंद्र मोदी ने भेजा है. उन्होंने आगे बताया कि कि चीन ने 1962 में हमारी ज़मीन के एक टुकड़े पर कब्ज़ा कर लिया था और अब आप (विपक्ष) 2023 में मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि चीन उस ज़मीन पर ब्रिज बना रहा है जिस पर चाइना ने 1962 में कब्ज़ा कर लिया था.
'कांग्रेस ने ऐसा क्यों नहीं किया'
जयशंकर ने कहा कि सभी कहते हैं कि हमें सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना चाहिए तो आपने (कांग्रेस) ऐसा क्यों नहीं किया? मैंने सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट देखा. मोदी सरकार में बजट 5 गुणा बढ़ा है. 2014 तक यह 3-4 हजार करोड़ था और आज यह 14 हजार करोड़ है. हमारी सरकार इसको लेकर गंभीर है. उन्होंने साथ ही दावा किया कि आज हमारा वैश्विक स्तर बहुत ऊंचा है. आज हम अपनी सोच, अभियान और विदेश नीति को लागू करने की रणनीति को लेकर पहले की तुलना में अधिक स्पष्ट हैं और ये होना भी चाहिए.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
भारत और चीन की सेनाओं के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई झड़प को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो गंभीर नहीं है. सरकार मामले को लेकर जवाब नहीं देती है.