S Jaishankar Speech At UNGA: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (26 सितंबर) को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA)  को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि इसके खिलाफ सबको साथ आना होगा. उन्होंने कनाडा से चल रहे विवाद की तरफ भी इशारा किया. एस जयशंकर ने यूएनजीए (UNGA) में भाषण की शुरुआत नमस्ते फ्रॉम भारत से की.


उन्होंने स्पीच खत्म करते हुए 'इंडिया दैट इज भारत' कहा. दरअसल संविधान के अनुच्छेद 1 में भी 'इंडिया दैट इज भारत'  लिखा हुआ है. एस जयशंकर ने ये जिक्र ऐसे समय में किया है जब हाल ही में जी-20 (G-20) के डिनर निमंत्रण पत्र 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा था'.


भारत और इंडिया को लेकर इसी के बाद नए सिरे से चर्चा शुरू हुई. विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये नाम बदलना चाहते हैं. ये हमारे नाम से घबरा गए हैं. इसके बाद जी 20 की बैठक में बने डेस्क पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (PM Modi) की बैठने वाली जगह पर इंडिया की जगह भारत लिखा हुआ था.   


एस जयशंकर ने विश्व मित्र और अमृतकाल जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, ‘‘ जब हम सामूहिक प्रयास को प्रोत्साहित करते हैं, तब भारत विविध साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास करता है. गुटनिरपेक्ष के दौर से आगे बढ़कर हमने विश्वमित्र की अवधारणा विकसित की है.'' 


एस जयशंकर ने क्या कहा?
एस जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमें ऐसा नहीं करना चाहिए कि राजनीतिक सहूलियत आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर प्रतिक्रया तय करें.’’ उनका बयान कनाडा के संदर्भ में माना जा रहा है. 


हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देश में खालिस्तान चरमपंथी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया था. इन आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था और जरूरी कदम नहीं उठाने के आरोप लगाए थे.


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