S Jaishankar Speech at UNGA: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (26 सितंबर) को संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्हें जमकर लताड़ लगाई. जयशंकर ने कोविड महामारी के दौरान विकासशील देशों में वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर हुए भेदभाव को भी प्रमुखता से उठाया. साथ ही हाल ही में चल रहे भारत-कनाडा विवाद पर भी इशारों में अपनी बात रखी.


संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा विवाद पर इशारों में कहा कि हमें ये नहीं मानना चाहिए कि राजनीतिक सुविधा के हिसाब से आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा पर हमारी प्रतिक्रिया तय होगी. उन्होंने आगे पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि इसी तरह क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और आंतरिक मामलों में दखल चुनिंदा तरीके से नहीं किया जा सकता है.


'वो दिन बीत गए, जब कुछ राष्ट्र...'
उन्होंने कहा, 'हमें वैक्सीन को लेकर किए गए भेदभाव को फिर से दोहराने की इजाजत नहीं देनी चाहिए. क्लाइमेट एक्शन के जरिए अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों से भी बचा नहीं जा सकता. बाजार की ताकत का इस्तेमाल कर भोजन और ऊर्जा को गरीब से अमीरों तक नियंत्रित नहीं किया जाना चाहिए.' उन्होंने यूएनजीए के सत्र में कहा कि वे दिन बीत गये जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनकी बातें मान लें.


'जब हम अग्रणी शक्ति बनने की आकांक्षा रखते हैं तो...'
एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में कहा कि अब भी कुछ ऐसे देश हैं, जो एजेंडा को आकार देते हैं और मानदंडों को परिभाषित करना चाहते हैं. ये अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता है. उन्होंने कहा कि जब हम अग्रणी शक्ति बनने की आकांक्षा रखते हैं तो यह आत्म-प्रशंसा के लिए नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी उठाने और अधिक योगदान करने के लिए होती है.


'हमने विश्वमित्र की अवधारणा विकसित की'
विदेश मंत्री ने कहा कि गुट निरपेक्ष के युग से निकलकर अब हमने ‘विश्व मित्र’ की अवधारणा विकसित की है. उन्होंने कहा कि जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल किये जाने से संयुक्त राष्ट्र को भी सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने की प्रेरणा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का भारत का दृष्टिकोण महज कुछ देशों के संकीर्ण हितों पर नहीं, बल्कि कई राष्ट्रों की प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करता है.


(इनपुट भाषा से भी)


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