Union External Affairs Minister: विदेश मंत्री एस जयशंकर मोदी सरकार में मंत्री बनने से पहले विदेश सेवा अधिकारी (IFS) रहे हैं. उन्होंने विदेश विभाग के विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दीं, लेकिन किस्मत का पहिया ऐसा घूमा कि वो केंद्रीय विदेश मंत्री बन गए. 2019 में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद एस जयशंकर ने विदेश विभाग में सीनियर मंत्री पद संभाला था.


समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए एस जयशंकर ने विदेश सेवा से लेकर राजनीति तक की अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह हमेशा सर्वश्रेष्ठ अधिकारी बनने और विदेश सचिव के पद पर पहुंचने के इच्छुक थे. जयशंकर नौकरशाहों के परिवार से आते हैं, उनके पिता डॉ. के सुब्रह्मण्यम को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रक्षा उत्पादन के सचिव पद से हटा दिया था. उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था. 


भारत के विदेश सचिव रहे


एस जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के पद पर रहे थे. इससे पहले उन्होंने चीन और अमेरिका सहित कई प्रमुख देशों में राजदूत का पद संभाला है. उनके पिता के सुब्रह्मण्यम को भारत के सबसे प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतिकारों में से एक माना जाता है.


बेहतर विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहता था


विदेश मंत्री मे कहा, "मैं सबसे अच्छा विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहता था. मेरे दिमाग में, इसकी सबसे अच्छी परिभाषा जो थी वह ये कि मैं विदेश सचिव के रूप में अपनी यात्रा खत्म करूं. हमारे घर में भी नौकरशाह थे (पिता). मैं इसे दबाव नहीं कहूंगा, लेकिन हम सभी इस तथ्य को जानते थे कि मेरे पिता, एक नौकरशाह से सचिव बन गए थे, लेकिन उन्हें उनके सचिव पद से हटा दिया गया था. वह उस समय 1979 में जनता पार्टी की सरकार में शायद सबसे कम उम्र के सचिव बने थे." 


जब पिता को इंदिरा ने पद से हटाया


उन्होंने कहा उनके पिता साल 1980 में रक्षा उत्पादन सचिव थे. 1980 में जब इंदिरा गांधी फिर से चुनकर सरकार में आईं तो वह पहले सचिव थे जिन्हें हटाया था. मेरे पिता रक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक जानकार व्यक्ति थे. जयशंकर ने कहा कि उनके पिता के निधन के बाद वह सरकार में सचिव बने. उनके पिता का साल 2011 में देहांत हो गया था. 


जब आया पीएम मोदी का फोन


जयशंकर से जब नौकरशाह से कैबिनेट मंत्री बनने के उनके सफर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोन कॉल का जिक्र किया. 2019 के नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा फोन करके आमंत्रित किए गए फोन कॉल पर विचार करते हुए, एस जयशंकर ने कहा कि पीएम का फोन मेरे लिए एक आश्चर्य था. उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का जिक्र करते हुए कहा, "यह मेरे दिमाग में नहीं आया था, मुझे नहीं लगता कि यह मेरे सर्कल में किसी और के दिमाग में आया था."


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