मुंबई: महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने तल्ख टिप्पणी की है. सामना में शिवसेना सांसद संजय राउत के लेख पर पवार ने कहा है कि महाविकास अघाड़ी सरकार के प्रमुख नेताओं को इस तरह के बयान देकर सरकार को मुश्किल में लाने का काम नहीं करना चाहिए.


इससे पहले रविवार को 'सामना' में संजय राउत ने लेख के जरिए सवाल उठाया था कि एक एपीआई के इतने अधिकार कैसे दिए गए? आखिर वाजे किसका दुलारा था? अनिल देशमुख पर सीधा हमला करते हए 'सामना' में लिखा गया कि गृह मंत्री का पद देशमुख को 'दुर्घटनावश' मिला. एनसीपी के बड़े नेताओं के इनकार के बाद पवार ने देशमुख को ये पद दिया. अनिल देशमुख को 'एक्सीडेंटल गृहमंत्री' बताया गया.


वहीं एनसीपी के सीनियर नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक की भी प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने कहा, "सामना के लेख में कहा गया है कि अनिल देशमुख 'एक्सीडेंटल' गृह मंत्री है. संपादक को लेख लिखने का अधिकार है. शरद पवार ने उन्हें सोच समझकर ज़िम्मेदारी दी है. वे 'एक्सीडेंटल' गृह मंत्री नहीं है. अगर गृह मंत्री में कुछ कमियां हैं तो वे उसे दूर करने का काम करेंगे."


इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि उनके ऊपर जो आरोप मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्रर परमबीर सिंह ने लगाए थे उसकी जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ट जज की निगरानी में होगी. उन्होंने कहा, "जो आरोप मुझ पर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने लगाए थे, मैंने उसकी जांच कराने की मांग की थी. मुख्यमंत्री और राज्य शासन ने मुझ पर लगे आरोपों की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के द्वारा करने का निर्णय लिया है. जो भी सच है वह सामने आएगा."


गौरतलब है कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था. परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिखी थी.


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