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'उद्घाटन में राष्ट्रपति नहीं, विपक्ष नहीं, सब कुछ मैं...', सामना में उद्धव गुट ने PM को घेरा, कहा- नए संसद भवन की क्या थी जरूरत?

Saamana On New Parliament: सामना में आज नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भारतीय जनता पार्टी समेत पीएम मोदी पर कड़ा वार किया गया है.

Saamana On New Parliament Inauguration: शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) ने अपने मुखपत्र सामना में अपने संपादकीय लेख के माध्यम से नए सांसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे को उठाया और प्रधानमंत्री सहित बीजेपी पर एक बार फिर हमला बोला. लेख में कहा गया कि नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया जा रहा है. यह मान्यता और परंपरा के अनुरूप नहीं है और संसद पर इस तरह का कब्जा हासिल करना लोकतंत्र के लिए घातक है. 

लोकतंत्र को बचाने के लिए हमारे देश में लगातार दिन-रात संघर्ष चल रहा है. संपादकीय लेख में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बातों को दोहराया गया. लेख में सवाल करते हुए कहा गया कि दिल्ली में नया संसद भवन खड़ा हो गया है. उसकी सही में आवश्यकता थी क्या? सामना संपादिकिया में नए संसद भवन को गैर जरूरी बताया गया. प्रधानमंत्री पर निशाना करते हुए कहा गया कि विचारों पर बंधन और सत्ता के केंद्रीकरण के ही सहारे तानाशाही पलती है. आरोप लगाया गया कि भले नया संसद भवन तयार हुआ हो लेकिन पिछले आठ सालों से देश की दोनों सदनों में डर का माहौल है.
 
सामना में आगे लिखा गया, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया जा रहा है. यह मान्यता और परंपरा के अनुरूप नहीं है. राष्ट्रपति इसी देश और संसद के प्रमुख हैं. संसद पर इस तरह का कब्जा हासिल करना लोकतंत्र के लिए घातक है. बीजेपी को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दलों ने इस पर युद्ध छेड़ दिया है.

दिन-रात हमारे लिए युद्ध जैसे हालात हैं- सामना

शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) ने अपने मुख पत्र में आगे कहा, परंपरा के अनुसार नई संसद का उद्घाटन देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ही करें, ऐसी मांग राहुल गांधी ने सबसे पहले की और लगभग सभी विपक्षी दलों ने उसे स्वीकार किया. संसद की नई इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. यह लोकतंत्र की मान्यता और परंपरा के अनुरूप नहीं है. राष्ट्रपति को साधारण निमंत्रण भी नहीं दिया इसलिए कांग्रेस सहित देश के 20 राजनीतिक दलों ने संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए लिखा, विरोधियों के बहिष्कार की परवाह न करते हुए प्रधानमंत्री मोदी संसद के उद्घाटन समारोह में भाषण देंगे और उनके द्वारा इकट्ठे किए गए श्रोता वहां तालियां बजाएंगे. लोकतंत्र के लिए यह सबसे बड़ा खतरा है. संसद के उद्घाटन में देश की राष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं विपक्ष के नेताओं को नहीं. सब कुछ ‘मैं’ मतलब मोदी. यह अहंकार ही है. ‘राष्ट्रपति के हाथों संसद का उद्घाटन न करना और उस समारोह में उन्हें न बुलाना यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है. ‘संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनाई जाती है,’ ऐसा श्री राहुल गांधी ने कहा. 

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फिलहाल जेल में हैं. कोर्ट की तारीख के लिए सिसोदिया को जेल से बाहर लाया गया. पत्रकारों द्वारा दबाव डाले जाने पर सिसोदिया ने कहा, ‘मोदी अहंकारी हैं’ इस पर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को पुलिस कॉलर पकड़कर खींचते हुए ले गई. लोकतंत्र को भी ऐसे ही घसीटा जा रहा है. इसलिए नए संसद भवन का निर्माण करने से क्या होगा? 

वर्तमान संसद भवन इतना भी खराब नहीं हुआ था कि... - सामना

दिल्ली में नया संसद भवन खड़ा हो गया है. उसकी सही में आवश्यकता थी क्या? इस पर चर्चा चल रही है. नए संसद भवन की आवश्यकता है ये कांग्रेस शासन के दौरान ही निर्णय लिया गया था. इसलिए ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना का विरोध करने की कोई वजह नहीं है. विवाद की चिंगारी भड़क गई जो कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नजरअंदाज किए जाने के कारण. संसद भवन का नए सिरे से निर्माण किया जो कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दम पर किया. वर्तमान संसद भवन इतना भी जीर्ण-शीर्ण नहीं हुआ था कि जल्दबाजी में नए संसद भवन का निर्माण कराया जाए. हिंदुस्थान का वर्तमान संसद भवन अंग्रेजों ने 19वीं सदी में खड़ा किया और वो पूरी इमारत आज भी दुनिया के आकर्षण का केंद्र बनी है. हॉलैंड संसद की इमारत 13वीं सदी में बनाई गई.

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