Rahul Gandhi Defamation Case: शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर हमला बोला गया. इसमें कहा गया कि राहुल गांधी पर किया गया हर वार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर ही उल्टा पड़ रहा है. राहुल चुनाव न लड़ सकें इसलिए मानहानि के मामले में अधिकमत 2 साल की सजा का प्रावधान किया गया.
मुखपत्र में लिखा गया कि जब से संसद में मोदी राज आया है, न्याय, विवेक,सत्य और संविधान हर रोज परास्त हो रहे हैं. गुजरात की धरती से सत्य, न्याय और नैतिकता का दमन किया जा रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने धृतराष्ट्र का रुख नहीं अपनाया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को न्याय सत्य की जीत है, लेकिन पीड़ा सिर्फ इतनी ही है कि जीते हुए सत्य को संसद की सीढ़ियों पर असहाय खड़ा कर दिया गया.
सामना में दावा- 2024 में पीएम मोदी को टक्कर देंगे राहुल
सामना में दावा किया गया कि राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देंगे और आज देश के माहौल से साफ दिख रहा है कि 2024 में दिल्ली की जुल्मी सरकार उखाड़ फेंकी जाएगी. सामना में लिखा है कि ऐसे माहौल में राहुल गांधी संसद में न रहें और अगला लोकसभा चुनाव न लड़ सकें इसलिए मानहानि के मुकदमे में अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान किया गया.
सामना में कहा गया कि पूर्णेश मोदी को आगे करके राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा किया गया, लेकिन उनका पर्दाफाश हो गया. सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के वकील ने साबित कर दिया कि इन सज्जन का नाम मोदी नहीं है. सामना के मुताबिक, वकीलों ने कोर्ट को बताया कि पुर्णेश मोदी ने इसे दत्तक लिया है और वह मोध वाणिक समुदाय से हैं.
राहुल गांधी की सदस्यता बहाली पर भी उठाया सवाल
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस बात का इंतजार है कि राहुल गांधी की संसद में कब वापसी होगी. इस पर लोकसभा सचिवालय को फैसला लेना है. इसे लेकर सामना में कहा गया, 'सुप्रीम कोर्ट ने न्याय दिया है, लेकिन न्यायदेवता न्यायपत्र लेकर संसद की सीढ़ियों पर खड़े हैं और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला फैसले का अध्ययन करने जा रहे हैं. हालांकि, सूरत कोर्ट के फैसले को अमल में लाते समय किसी तरह का अध्ययन किया जाना चाहिए, ऐसा जरूरी नहीं समझा गया था.'