Parliament Speech: महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी में शामिल शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तारीफ की है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में बुधवार को कहा गया कि राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मात दे दी. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में पहली बार संसद की 'धंसी हुई दीवारों' को भी जीवंत कर दिया.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सामना अपने मुखपत्र में लिखता है कि, " कल संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा हिंदुओं और हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व नहीं करती है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के चेहरे से हिंदुत्व का मुखौटा उतार दिया. ऐसे में राहुल गांधी पूरी प्रशंसा के पात्र हैं.  सामना में अपने संपादकीय में लिखा कि "राहुल गांधी ने कल कहा कि ये लोग (भाजपा) हिंदुत्व के नाम पर हिंसा कर रहे हैं और नफरत फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि सच्चा हिंदुत्व सहिष्णु है और बिना किसी डर के सच्चाई को पकड़ता है.


जानिए राहुल गांधी ने हिन्दुत्व पर क्या बोला?


दरअसल, सोमवार यानि (1 जुलाई) को सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर अपने पहले भाषण में राहुल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, ''जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं... वे हिंसा और नफरत में लगे हुए हैं.  कांग्रेस नेता के भाषण के 14 अंशों में बीजेपी के संदर्भ में हिंदू धर्म के कई ऐसे संदर्भ भी शामिल थे, जिन्हें बाद में स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही से हटा दिया.


10 सालों में अमित शाह और PM मोदी को किसी ने नहीं किया चैलेंज 


सामना अपने संपादकीय में लिखता है कि 'राहुल गांधी की टिप्पणी ऐसी थी कि पीएम मोदी को भी खड़ा होना पड़ा.  वह राहुल गांधी पर हिंदुओं के अपमान का आरोप लगाने लगे. राहुल गांधी ने इस पर जवाब भी दिया और कहा कि आप हिंदुत्व का अर्थ नहीं समझते. बीजेपी ही हिंदुत्व नहीं है. मुखपत्र लिखता है, 'बीते 10 सालों में अब तक किसी भी नेता ने इस तरह से अमित शाह और नरेंद्र मोदी को चैलेंज नहीं किया था. उस दौरान सदन में उनके चेहरे देखने लायक थे.


पिछले दो कार्यकालों में BJP ने संसद को अपने पांव तले दबाया


सामना ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले दो कार्यकालों में भारी बहुमत के दम पर संसद को अपने पांव तले दबा रखा था. अखबार लिखता है कि "लेकिन जैसे ही राहुल गांधी के नेतृत्व में एक मजबूत विपक्ष उभरा, हिंदुत्व के नाम पर अपनी मनमानी करने वालों को चुनौती मिल गई.  इसमें कहा गया है कि राहुल ने पीएम मोदी के इस दावे की धज्जियां उड़ा दीं कि वह जैविक रूप से पैदा नहीं हुए हैं और उन्हें भगवान ने भेजा है.


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